एस टी डी एफ
मानक एवं व्यापार विकास सुविधा (एस टी डी एफ)
डबलयु टी ओ के अंतर्गत मानक एवं व्यापार विकास सुविधा एवं संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन, भारत के सहयोग से स्पाइसेस बोर्ड "भारत में मसाला मूल्य श्रृंखला को मजबूत करने और क्षमता निर्माण और अभिनव हस्तक्षेपों के माध्यम से बाज़ार पहुँच में सुधार" शीर्षक एक परियोजना कार्यान्वित कर रहा है। परियोजना की अवधि तीन वर्ष है। परियोजना का लक्ष्य भारत से विदेशी बाज़ार तक सुरक्षित एवं उच्च गुणवत्ता वाले मसालों के निर्यात का विस्तार करना है। परियोजना चार मसालों को लक्षित करती है; जीरा, बड़ी सौंफ (गुजरात और राजस्थान), धनिया (मध्य प्रदेश) और कालीमिर्च (आंध्र प्रदेश)।
परियोजना का उद्देश्य खाद्य सुरक्षा मानकों को पूरा करना एवं बाज़ार पहुँच के विस्तार हेतु खेती, उत्पादन एवं कटाई उपरांत की प्रथाओं के मानकों को बढ़ाना है एवं इस प्रकार छोटे पैमाने के किसानों के आय बढ़ाना, महिलाओं एवं अन्य उपांतीय(जनजाति) समुदायों को सशक्त बनाने में मदद करना एवं गरीबी कम करने के प्रयास का समर्थन करना है। परियोजना एस टी डी एफ, एफ ए ओ एवं स्पाइसेस बोर्ड द्वारा वित्त पोषित है। एफ ए ओ अंतर्राष्ट्रीय कार्यान्वयन भागीदार है। एशिया एवं पसफिक के एफ ए ओ क्षेत्रीय कार्यालय भारत के अपने देश के कार्यालय द्वारा कार्यान्वयन के लिए उत्तरदायी है। स्पाइसेस बोर्ड परियोजना के स्थानीय भागीदार है और सारी स्थानीय गतिविधियों के कार्यान्वयन एवं उनके समन्वयन को सुनिश्चित करेगा। इस परियोजना से 1200 छोटे जोत वाले किसानों को सीधे लाभ होने की उम्मीद है, जो अपनी आय के एकमात्र स्रोत के रूप में खेती पर निर्भर करते हैं। परियोजना का लक्ष्य चार चयनित मसालों की चुनैतियों का समाधान करना है ताकि खाद्य सुरक्षा एवं गुणवत्ता में सुधार करने एवं व्यापार अवसरों से लाभ उठाने में गरीब, ग्रामीण घरों को सक्षम बनाया जा सके। यह भारत और निर्यात बाजारों में बेहतर खाद्य सुरक्षा और उपभोक्ता स्वास्थ्य में भी योगदान देगा।
परियोजना एक संयोगात्मक, सार्वजनिक-निजी भागीदारी नमूने के आधार पर इस उम्मीद के साथ कार्यान्वित किया जाएगा कि परियोजना के बाद निजी क्षेत्रक एवं सरकारी अभिकरण द्वारा, विकसित मसाला प्रशिक्षण कार्यक्रम भारत के अन्य भागों में बढ़ाया जाएगा। लक्षित परियोजना में चयनित किसानों का आधारभूत सर्वेक्षण प्रगति पर है और फसल विनिर्दिष्ट जी ए पी एवं जी एच पी पुनरीक्षा के तहत है। जी ए पी एवं जी एच पी को अंतिम रूप देने पर प्रशिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाएँगे और प्रशिक्षक लक्षित गाँवों के मसाला किसानों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित करेंगे और किसानों को अपने गाँव में जी ए पी एवं जी एच पी अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। उम्मीद है कि परियोजना के अंत में, परियोजना के तहत विचार किए जाने वाले क्षेत्र विचाराधीन विशिष्ट मसालों से संबंधित एस पी एस मुद्दों को तदनुकूल पूरा करने के लिए अच्छी कृषि प्रथाएँ कार्यान्वित किए होंगे, इस प्रकार प्रमुख निर्यातकों के साथ लिंकेज के माध्यम से नए बाज़ारों तक अभिगम बनाते होंगे। अन्य मसाला गाँवों में दोहराया जा सकने वाले एक नमूना बनाने का भी उम्मीद है।
संबंधित लिंक्स
STDF project Document
Brief Note on STDF project
STDF PROJECT PREPARATION GRANT
https://www.standardsfacility.org/fr/PPG-517