GST provisional registration details of Spices Board New Feature : Click here for Auction Report मसाला: छोटी इलायची, नीलाम की तारीख: 05-Dec-2019, नीलामकर्ता: Cardamom Planters' Association, Santhanpara, लोटों की संख्या: 94, आवक की मात्रा(कि.ग्रा.): 15129.8, बिकी मात्रा (कि.ग्रा.): 13258, अधिकतम मूल्य (रु./कि.ग्रा.): 2996.00, औसत मूल्य (रु./कि.ग्रा.): 2796.47 मसाला: छोटी इलायची, नीलाम की तारीख: 05-Dec-2019, नीलामकर्ता: The Cardamom Processing & Marketing Co-Operative Society Ltd, Kumily, लोटों की संख्या: 278 , आवक की मात्रा(कि.ग्रा.): 66537.5, बिकी मात्रा (कि.ग्रा.): 64395.7, अधिकतम मूल्य (रु./कि.ग्रा.): 3168.00, औसत मूल्य (रु./कि.ग्रा.): 2834.62 Spice: Large Cardamom, Date: 05-Dec-2019, Market: Singtam, Type: Badadana, Price (Rs./Kg): 438, Spice: Large Cardamom, Date: 05-Dec-2019, Market: Singtam, Type: Chotadana, Price (Rs./Kg): 400, Spice: Large Cardamom, Date: 05-Dec-2019, Market: Gangtok, Type: Badadana, Price (Rs./Kg): 450, Spice: Large Cardamom, Date: 05-Dec-2019, Market: Gangtok, Type: Chotadana, Price (Rs./Kg): 400, Spice: Large Cardamom, Date: 05-Dec-2019, Market: Siliguri, Type: Badadana, Price (Rs./Kg): 520, Spice: Large Cardamom, Date: 05-Dec-2019, Market: Siliguri, Type: Chotadana, Price (Rs./Kg): 407,
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योजना: मसालों में निर्यात संवर्धन और गुणवत्ता सुधार तथा इलाइची के अनुसंधान और विकास लिए एकीकृत योजना

अंतिम अद्यतन 03-12-2015, 16:26

संघटक : निर्यातोनुमुखी उत्पादन

क्रियान्वयन के लिए सामान्य दिशा-निर्देश

1.आवेदन आवश्यक दस्तावेजों के साथ बोर्ड की ऑनलाइन सेवा प्रणाली में प्रस्तुत किया जाएगा।

2. कार्य-प्रक्रिया में विनिर्धारित दस्तावेजों के अलावा, संबंधित अधिकारी द्वारा सत्यापित किए जाने के लिए आवश्यक समझे जाने वाले किसी अन्य दस्तावेज जैसे अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति प्रमाण-पत्र, कानूनी उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र, अन्य विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र, निर्धारित प्रारूप में समझौता ज्ञापन आदि की आवेदन का प्रक्रमण किए जाने के लिए आवेदक द्वारा प्रस्तुत किए जाने की आवश्यकता होगी।

3) सहायता प्राप्त करने वाले किसान समूहों को एक कानूनी इकाई होना चाहिए जैसे कि पंजीकृत सोसायटी/एफपीसी/एफपीओ/एसएचजी/एसपीएस आदि और उन्हें बोर्ड के साथ निर्धारित प्रारूप में 200/- रुपये के स्टांप पेपर में एक करार निष्पादित किया जाना होगा तथा सहायता जारी करना नीति आयोग द्वारा निर्धारित शर्तों के अध्यधीन होगा।

4) लाभार्थी से आवेदन और पात्रता साबित करने वाले दस्तावेज प्राप्त होने पर, संबंधित अधिकारी जहां भी लागू हो, प्रारंभिक निरीक्षण के बाद एक सशर्त परमिट आदेश जारी करेगा। क्रियाकलाप घटक/उपकरणों की खरीद के सफल समापन के संबंध में लिखित पत्र-व्यवहार के अध्यधीन, प्रभारी अधिकारी अंतिम निरीक्षण करेंगे। कार्य पूरा होने पर संबंधित कार्यालय में इस पत्र की प्राप्ति की तारीख को निरीक्षण/अनुशंसा अधिकारी द्वारा निरीक्षण और पात्र मामलों के लिए पात्र राशि की मंजूरी हेतु सिफारिश के संबंध में "पहले आओ-पहले पाओ" के अनुरूप मानदंड के रूप में माना जाएगा। अनुशंसा अधिकारी पात्र मामलों की संस्तुति उनकी स्वीकृति के लिए संभागीय सहायक निदेशक/क्षेत्रीय उप-निदेशक, जैसा भी मामला हो, को करेगा। जिन मामलों में निदेशक (विकास)/सचिव से मंजूरी की आवश्यकता होती है, उन्हें संबंधित अधिकारी द्वारा उनकी मंजूरी के लिए अग्रेषित किया जाएगा। घोषित/अघोषित जांच-पड़ताल वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा पदानुक्रम के अनुसार या संभागीय सहायक निदेशक/क्षेत्रीय उप. निदेशक और निदेशक (विकास) द्वारा यादृच्छिक रूप से प्रत्यायोजित की जाएगी और उनका प्रतिशत बोर्ड द्वारा निर्णित किया जाएगा।

5). क्यूजीबीजी, इलायची (छोटी) के लिए मौसम आधारित बीमा और पॉलिथीन शीट के वितरण के मामले को छोड़कर लाभार्थियों को डीबीटी के माध्यम से पात्र सहायता का भुगतान किया जाएगा।

6). क्यूजीबीजी के मामले में, किसान समूह बोर्ड द्वारा पैनल में शामिल विक्रेताओं को फसलोपरांत उपकरणों की लागत का 10% और लागत के 90% जिसके लिए फसलोपरांत उपकरण बैंक की स्थापना के लिए समूह सहायता के रूप में 90% के लिए पात्र था, का भुगतान बोर्ड द्वारा समूह के चिह्नित परिसरों में उपकरण/उपस्करों की सफल स्थापना किए जाने पर समूह द्वारा मशीनों/उपकरणों की खरीद में आसानी के लिए पैनल में शामिल विक्रेता को किया जाएगा। यदि मसाला बोर्ड द्वारा उपरोक्त व्यवस्था को क्रियान्वित करने में किसी भी अप्रत्याशित तकनीकी समस्या का सामना करना पड़ता है, तो समूह को पैनल में शामिल विक्रेता को 100% राशि का भुगतान करना होगा और समूह को पात्र सहायता की प्रतिपूर्ति मसाला बोर्ड से डीबीटी के माध्यम से की जाएगी।

7). सहायता कार्यक्रम के विभिन्न घटकों के तहत आवेदन करने के लिए निर्धारित दस्तावेजों को केंद्र/राज्य/एलएसजी की वैधानिक आवश्यकताओं के आधार पर समय-समय पर परिवर्तित/संशोधित किया जा सकता है।

8). यदि अप्रत्याशित परिस्थितिजन्य मांगों और सरकार की नीति के कारण कार्य-निष्पादन प्रक्रिया में दिए गए क्रियाकलाप घटकों के तौर-तरीकों और संचालन के क्षेत्र के लिए आवश्यक समझे जाने वाले कोई भी परिवर्तन किए जाने की संभावना उत्पन्न होती है, तो ऐसे परिवर्तन बोर्ड के अनुमोदन से किए जाएंगे, जिनके तहत ईएफसी द्वारा अनुमोदित सहायता और पात्रता की दर में कोई भी परिवर्तन नहीं किया जाएगा।

9) लाभार्थी को सहायता केवल एक बार उपलब्ध होगी, केवल उन घटकों को छोड़कर जहां कार्य-प्रक्रिया में आगे की सहायता के बारे में विशेष रूप से उल्लेख किया गया है। ऐसी विशेष परिस्थितियों में, जो लाभार्थी के नियंत्रण से बाहर हैं और वैध कारणों से, दूसरी बार लाभ के लिए मसाला बोर्ड के सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन से एकबारीय छूट प्रदान की जा सकती है।

10) यदि लाभार्थी सहायता के लिए आवेदन करता है और किसी घटक में बिल/दस्तावेज प्रस्तुत करता है जो निर्धारित सहायता से अधिक है, तो सहायता की मात्रा पात्रता के अनुसार सीमित होगी।

11) आवेदन प्रस्तुत करना और पात्रता मानदंड के लिए अर्हक होना सहायता की मंजूरी का आश्वासन नहीं देता है। सहायता की स्वीकृति और भुगतान निधियों की उपलब्धता तथा संघटक को निधियों के आवंटन के अनुसार ही किया जाएगा।

क्रियाकलापवार कार्य प्रक्रिया

क्र.सं. संघटक/उद्देश्य और इकाई अपेक्षित दस्तावेज सहायता और पात्रता 1.प्रचालन का क्षेत्र और & 2. तौर-तरीके
1 बड़ी इलाइची प्रमाणित पौधशाला (इकाई)

किसानों को पुन: रोपण करने के लिए अपने खेतों में गुणवत्तापूर्ण और रोग-मुक्त रोपण सामग्री का उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित करना।

क) पर्चा प्रति/कब्जे का प्रमाण-पत्र
ख) आधार-कार्ड
ग) अ.जा./अ.ज.जा. प्रमाण-पत्र की प्रति (यदि लागू है)
घ)बैंक पासबुक की प्रति ड) पंचायत से अनापत्ति-प्रमाण पत्र की प्रति, यदि भूमि लाभार्थी के नाम पर नहीं है।
सामान्य श्रेणी के लिए रोपण सामग्री की उत्पादन लागत का 33.33 प्रतिशत, जो प्रति पौध के लिए अधिकतम 3 रुपये और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए 6.75 रुपये प्रति पौधे की दर से रोपण सामग्री की उत्पादन लागत का 75%। वैयक्तिक उत्पादक/किसान समूह जिनके पास पौधशाला के लिए उपयुक्त भूमि और सिंचाई की पर्याप्त सुविधा है। 1.सिक्किम, पश्चिम बंगाल के दार्जलिंग और कलिंगपोंग जिले तथा अन्य पूर्वोत्तर राज्य।

2. आबंटन इकाइयां 500 का गुणांक होंगी जिसमें से प्रत्येक लाभार्थी के लिए न्यूनतम 1000 और अधिकतम 5000 होगा।

किसान पौधशाला शुरू करेंगे और क्षेत्रीय स्टाफ द्वारा अनुवर्ती दौरे किए जाएंगे और रोपण सामग्री के सफल उत्पादन के लिए आवश्यक तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा।

पौधशालाओं में उत्पादित रोपण सामग्री का उपयोग आवेदकों द्वारा पुनःरोपण/अंतर को पूरा करने के लिए किया जाएगा और शेष राशि की आपूर्ति पड़ोसी/जरूरतमंद किसानों को इष्टतम मूल्य पर की जाएगी जो बाजार मूल्य से अधिक नहीं होगा।
अभिहित अधिकारी अंतिम निरीक्षण करेंगे और पात्र मामलों की सिफारिश करेंगे।
2 बड़ी इलायची पुनर्रोपण/नया रोपण (है.)

उच्च उपज, रोगमुक्त रोपण सामग्री का उपयोग करके उत्पादकता बढ़ाने के लिए व्यवस्थित तरीके से पुनर्रोपण को अपनाने के लिए उत्पादकों को प्रेरित करना।
क) पर्चा प्रति/कब्जे का प्रमाण-पत्र

ख) सर्वेक्षण योजना/स्व-सत्याप्ति मानचित्र

ग) आधार-कार्ड

घ) अ.जा./अ.ज.जा. प्रमाण-पत्र की प्रति (यदि लागू है)

ड.) बैंक पासबुक की प्रति

च) पंचायत से अनापत्ति-प्रमाण पत्र की प्रति, यदि भूमि लाभार्थी के नाम पर नहीं है।
समान्य श्रेणी के लिए बड़ी इलायची की खेती की लागत का 33.33% जो अधिकतम 33,600/- रुपये प्रति हेक्टेयर के अध्यधीन है, और अ.जा./अ.ज.जा के लिए खेती की लागत का 75% प्रति हेक्टेयर 75,000/- रुपये जो क्रमशः 16,800/- रुपये और 37,500/- रुपये की दो वार्षिक किश्तों में देय है।

8.00 हेक्टेयर तक क्षेत्र वाले छोटे और सीमांत उत्पादक। योजना के तहत न्यूनतम क्षेत्र जिस पर निरंतर पुनर्रोपण /नवरोपण है किया जाना है, 0.10 हेक्टेयर है। अधिकतम क्षेत्र की प्रति उत्पादक पात्रता 8.00 हेक्टेयर है, लेकिन एक समय में, अर्थात एक वित्तीय वर्ष में एक उत्पादक केवल 4.00 हेक्टेयर तक सहायता-अनुदान का ही लाभ उठा सकता है क्योंकि पुनर्रोपण एक चरणबद्ध तरीके से किया जाना है।
1. सिक्किम, पश्चिम बंगाल के दार्जलिंग और कलिंगपोंग जिले तथा अन्य पूर्वोत्तर राज्य।

2. अभिहित अधिकारी अंतिम निरीक्षण करेंगे और पात्र मामलों की सिफारिश करेंगे।

पुनर्रोपित समान क्षेत्र के लिए दूसरी बार लाभ 8 वर्ष की समाप्ति होने पर ही उपलब्ध होगा सिवाय प्राकृतिक आपदाओं जैसी विशिष्ट स्थिति को छोड़कर । पुनर्रोपित क्षेत्र में पौधों की संख्या 5x5 फीट की दूरी पर प्रति हेक्टेयर 4000 होनी चाहिए।
बड़ी इलाइची सिंचाई, भूमि विकास
3 सिंचाई/जल भण्डारण संरचनाएं (संख्या)

बड़ी इलायची की उत्पादकता बढ़ाने और गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए जल भंडारण संरचनाओं, वर्षा जल संचयन संरचनाओं का निर्माण और सिंचाई उपकरणों की स्थापना द्वारा उत्पादकों को सिंचाई के तहत अधिक क्षेत्र शामिल करने के लिए प्रेरित करना।
क) भूमि के कब्जे के स्वामित्व/विधिक कब्जे

ख) आधार कार्ड

ग) बैंक की पास बुक

घ) पंचायत से अनापत्ति-प्रमाण पत्र की प्रति, यदि भूमि लाभार्थी के नाम पर नहीं है।

(ड) अर्हक/लाइसेंसशुदा अथवा सरकारी सिविल इंजीनियर, जो निर्माण के लिए सरकार द्वारा अनुमोदित दरों का पालन करते है, से प्रस्तावित संरचना की योजना और वित्त अनुमान।
सामान्य श्रेणी के लिए निर्माण लागत का 50%, प्रति यूनिट अधिकतम 30,000 रुपये के अध्यधीन और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए 75%, प्रति यूनिट अधिकतम 45,000 / - रुपये के अध्यधीन।

योजना के अंतर्गत अधिकतम अनुदान प्राप्त करने के लिए सिंचाई संरचना की न्यूनतम क्षमता 25 घन मीटर होनी चाहिए। ऐसा कोई किसान जिसने पहले इस प्रसुविधा को हासिल कर लिया है, वह यह लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं है।

0.10 हेक्टेयर से 8 हेक्टेयर के आकार वाली भूमि धारित करने वाले बड़ी इलायची उत्पादक इस योजना का लाभ उठाने के पात्र हैं।
1. सिक्किम, पश्चिम बंगाल के दार्जलिंग और कलिंगपोंग जिले तथा अन्य पूर्वोत्तर राज्य।

2. अभिहित अधिकारी अंतिम निरीक्षण करेंगे और पात्र मामलों की सिफारिश करेंगे।

जल-धाराओं सहित पानी के प्राकृतिक प्रवाह को अवरुद्ध करने वाले और आपत्तिजनक प्रकृति के निर्माण, चाहे वे स्थानीय समुदाय के हों या संबंधित प्राधिकारियों के, पर सहायता की सिफारिश करने के लिए विचार नहीं किया जाएगा।

मंजूरी के लिए मामले की सिफारिश करने से पहले जांच अधिकारी को यह सुनिश्चित करना होगा कि आवेदक द्वारा उपरोक्त शर्त का उल्लंघन नहीं किया गया है।
4 सिंचाई के उपकरण (संख्या)

बड़ी इलायची की उत्पादकता बढ़ाने और गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए जल भंडारण संरचनाओं, वर्षा जल संचयन संरचनाओं का निर्माण और सिंचाई उपकरणों की स्थापना द्वारा उत्पादकों को सिंचाई के तहत अधिक क्षेत्र शामिल करने के लिए प्रेरित करना।
क) भूमि के कब्जे के स्वामित्व/विधिक कब्जे के दस्तावेज/पर्चा

ख) आधार कार्ड

ग) बैंक की पास बुक

घ) पंचायत से अनापत्ति-प्रमाण पत्र की प्रति, यदि भूमि लाभार्थी के नाम पर नहीं है।

ड.) प्राधिकृत डीलर से कोटेशन अथवा यदि कोई प्राधिकृत डीलर नहीं है, तो तीन प्रतिस्पर्धी कोटेशनें।
सामान्य श्रेणी के लिए उपकरण की लागत का 50%, अधिकतम 15,000 रुपये के अध्यधीन और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए 75%, अधिकतम 20,000 / - रुपये के अध्यधीन।
0.10 हेक्टेयर से 8 हेक्टेयर के आकार वाली भूमि धारित करने वाले बड़ी इलायची उत्पाद।
1. सिक्किम, पश्चिम बंगाल के दार्जलिंग और कलिंगपोंग जिले तथा अन्य पूर्वोत्तर राज्य।

2. अभिहित अधिकारी अंतिम निरीक्षण करेंगे और पात्र मामलों की सिफारिश करेंगे।
5 वर्षा जल संचयन संरचना (संख्या)

बड़ी इलायची की उत्पादकता बढ़ाने और गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए जल भंडारण संरचनाओं, वर्षा जल संचयन संरचनाओं का निर्माण और सिंचाई उपकरणों की स्थापना द्वारा उत्पादकों को सिंचाई के तहत अधिक क्षेत्र शामिल करने के लिए प्रेरित करना।
क) भूमि के कब्जे के स्वामित्व/विधिक कब्जे के दस्तावेज/पर्चा

b) ख) आधार कार्ड

c) ग) बैंक की पास बुक

d) घ) पंचायत से अनापत्ति-प्रमाण पत्र की प्रति, यदि भूमि लाभार्थी के नाम पर नहीं है।

सामान्य श्रेणी के लिए निर्माण लागत का 33.33%, प्रति संरचना अधिकतम 18,000 रुपये के अध्यधीन और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए 75%, प्रति संरचना अधिकतम 40,000 / - रुपये के अध्यधीन।

उपरोक्त सहायता सिलपॉलिन शीट रेखित 200 घन मीटर क्षमता की संरचना के लिए होगी। कम क्षमता के लिए सहायता जल धारण क्षमता के अनुपात में सीमित होगी।
0.10 हेक्टेयर से 8 हेक्टेयर आकार की भूमि धारित करने वाले बड़ी इलाइची के उत्पादक।

उपकरण सीधे वर्षा के जल के साथ-साथ सतही अपवाह से जल संचयन कर सकते हैं, तथा इनके द्वारा जल धाराओं सहित पानी के प्राकृतिक प्रवाह को अवरुद्ध नहीं किया जाता है।
1.सिक्किम, पश्चिम बंगाल के दार्जलिंग और कलिंगपोंग जिले तथा अन्य पूर्वोत्तर राज्य।

2.अभिहित अधिकारी अंतिम निरीक्षण करेंगे और पात्र मामलों की सिफारिश करेंगे।

जल-धाराओं सहित पानी के प्राकृतिक प्रवाह को अवरुद्ध करने वाले और आपत्तिजनक प्रकृति के निर्माण, चाहे वे स्थानीय समुदाय के हों या संबंधित प्राधिकारियों के, पर सहायता की सिफारिश करने के लिए विचार नहीं किया जाएगा।

मंजूरी के लिए मामले की सिफारिश करने से पहले जांच अधिकारी को यह सुनिश्चित करना होगा कि आवेदक द्वारा उपरोक्त शर्त का उल्लंघन नहीं किया गया है।

पूर्वोत्तर में चिह्नित मसालों के निर्यातयोग्य अधिशेष का संवर्धन
6 लाकाडोंग हल्दी (हे.) का उत्पादन निर्यात के लिए लाकाडोंग हल्दी की खेती को प्रोत्साहित करना क) भूमि के कब्जे के स्वामित्व/विधिक कब्जे के दस्तावेज/पर्चा

ख) आधार कार्ड

ग) बैंक की पास बुक

पंचायत से अनापत्ति-प्रमाण पत्र की प्रति, यदि भूमि लाभार्थी के नाम पर नहीं है।

रोपण सामग्री की लागत का 50%, अधिकतम 30,000 रु. प्रति हेक्टेयर के अध्यधीन

पूर्वोत्तर के 0.10 हे. से 8 हे. तक के आकार की भूमि धारित करने वाले हल्दी उत्पादक
1.सिक्किम, पश्चिम बंगाल के दार्जलिंग और कलिंगपोंग जिले तथा अन्य पूर्वोत्तर राज्य।

2.अभिहित अधिकारी अंतिम निरीक्षण करेंगे और पात्र मामलों की सिफारिश करेंगे।
7 पूर्वोत्तर अदरक (हे.) की खेती

निर्यात के लिए पूर्वोत्तर अदरक की खेती को प्रोत्साहित करना
क) भूमि के कब्जे के स्वामित्व/विधिक कब्जे के दस्तावेज/पर्चा

ख) आधार कार्ड

ग) बैंक की पास बुक

घ) पंचायत से अनापत्ति-प्रमाण पत्र की प्रति, यदि भूमि लाभार्थी के नाम पर नहीं है।

रोपण सामग्री की लागत का 50%, अधिकतम 30,000 रु. प्रति हेक्टेयर के अध्यधीन

पूर्वोत्तर के 0.10 हे. से 8 हे. तक के आकार की भूमि धारित करने वाले अदरक उत्पादक
1.सिक्किम, पश्चिम बंगाल के दार्जलिंग और कलिंगपोंग जिले तथा अन्य पूर्वोत्तर राज्य।

2. अभिहित अधिकारी अंतिम निरीक्षण करेंगे और पात्र मामलों की सिफारिश करेंगे।
छोटी इलाइची
8 छोटी इलाइची प्रमाणित पौधशाला (इकाइयां)

बोर्ड के अधिकारियों के तकनीकी पर्यवेक्षण के साथ पुनः रोपण करने के लिए किसानों के खेतों में गुणवत्तापूर्ण और रोगमुक्त रोपण सामग्री का उत्पादन करना
क) आधार कार्ड

ख) चालू वर्ष की भूमि कर रसीद/चिट्ठा अदांगल/आरटीसी

ग) बैंक पासबुक की प्रति

घ) सीआर/एसीआर (केरल के लिए)
सामान्य श्रेणी के लिए रोपण सामग्री की उत्पादन लागत का 33.33 प्रतिशत, अधिकतम 3 रुपये प्रति सकर/पौध के अध्यधीन तथा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए 6 रुपये प्रति सकर/पौध की दर से रोपण सामग्री की उत्पादन लागत का 75%

वैयक्तिक उत्पादक/किसान समूह जिनके पास पौधशाला के लिए उपयुक्त भूमि और सिंचाई की पर्याप्त सुविधा है।
1.केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक

2. आबंटन इकाइयां 500 का गुणांक होंगी जिसमें से प्रत्येक लाभार्थी के लिए न्यूनतम 1000 और अधिकतम 5000 होगा।

किसान पौधशाला शुरू करेंगे और क्षेत्रीय स्टाफ द्वारा अनुवर्ती दौरे किए जाएंगे और रोपण सामग्री के सफल उत्पादन के लिए आवश्यक तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा।

पौधशालाओं में उत्पादित रोपण सामग्री का उपयोग आवेदकों द्वारा पुनःरोपण/अंतर को पूरा करने के लिए किया जाएगा और शेष राशि की आपूर्ति पड़ोसी/जरूरतमंद किसानों को इष्टतम मूल्य पर की जाएगी जो बाजार मूल्य से अधिक नहीं होगा।

अभिहित अधिकारी अंतिम निरीक्षण करेंगे और पात्र मामलों की सिफारिश करेंगे।
सहायता राशि का भुगतान पौधशाला में व्यापक संवर्धन के लिए मौलिक सकरों/बीजों के रोपण के पश्चातवर्ती वर्ष में और सकरों/पौधों के संतोषजंक उत्पादन पर होगा‌।
छोटी इलायची पुनर्रोपण/नवीन रोपण
9.i केरल और तमिलनाडु के लिए
रोगग्रस्त, पुराने और जीर्ण वृक्षारोपण के व्यवस्थित पुनर्रोपण के माध्यम से उत्पादकों को उत्पादन और उत्पादकता में सुधार के लिए प्रेरित करना और क्षेत्र का विस्तार कार्य संचालित करना
क) भूमि के स्वामित्व अथवा विधिक कब्जे के द्स्तावेज अर्थात पट्टा

ख) चालू वर्ष की भूमि कर रसीद/चिट्ठा अदांगल/आरटीसी

ग) सीआर/एसीआर/ सीआरसी पृष्ठांकन

घ) आधार कार्ड

ड.) बैंक पासबुक की प्रति

च) वी.ओ./पंजीकृत सर्वेक्षक द्वारा जारी सर्वेक्षक योजना

समान्य श्रेणी के लिए खेती की लागत का 33.33% जो अधिकतम 1,00,000/- रुपये प्रति हेक्टेयर के अध्यधीन है, और अ.जा./अ.ज.जा के लिए खेती की लागत का 75%, जो प्रति हेक्टेयर 2,10,000/- रुपये के अध्यधीन है और यह प्रत्येक वर्ष क्रमशः 50,000/- रुपये और 1,05,000/- रुपये की दो वार्षिक किश्तों में देय है।

0.10 हेक्टेयर से 8 हेक्टेयर के आकार वाली भूमि धारित करने वाले वैयक्तिक पंजीकृत इलायची उत्पाद।

कार्यक्रम के तहत एक सतत ब्लॉक में प्रतिस्थापित किए जाने वाला न्यूनतम क्षेत्र 0.10 हेक्टेयर है तथा 2021-2026 से 5 साल के ब्लॉक वर्ष में अधिकतम क्षेत्र प्रति लाभार्थी प्रति वर्ष 2 हेक्टेयर और अधिकतम 8 हेक्टेयर तक सीमित है। पादप जनसंख्या प्रति हेक्टेयर न्यूनतम 1100 पादप है।
पुनर्रोपण चक्र को 8 वर्ष माना जाता है और लाभार्थी द्वारा उसी क्षेत्र में पुनर्रोपण के लिए दूसरी बार लाभ केवल 8 वर्ष पूरे होने पर ही उपलब्ध होगा, प्राकृतिक आपदाओं, विनाशकारी कीट और रोग के हमलों जैसी विशेष परिस्थितियों को छोड़कर जिसे बोर्ड द्वारा गठित समिति द्वारा प्रमाणित किया गया है।
1.केरल और तमिलनाडु

2. अभिहित अधिकारी अंतिम निरीक्षण करेंगे और पात्र मामलों की सिफारिश करेंगे।
ii कर्नाटक (हे.) और अन्य राज्य

रोगग्रस्त, पुराने और जीर्ण वृक्षारोपण के व्यवस्थित पुनर्रोपण के माध्यम से उत्पादकों को उत्पादन और उत्पादकता में सुधार के लिए प्रेरित करना
क) भूमि के स्वामित्व अथवा विधिक कब्जे के द्स्तावेज

ख) चालू वर्ष की भूमि कर रसीद/आरटीसी

ग) सीआरसी पृष्ठांकन

घ) आधार कार्ड

ड.) बैंक पासबुक की प्रति

च) वी.ओ./पंजीकृत सर्वेक्षक द्वारा जारी सर्वेक्षक योजना

f)छ) अन्य राज्यों के लिए, राज्य सरकार द्वारा विनिदिष्ट भूमि दस्तावेज

समान्य श्रेणी के लिए खेती की लागत का 33.33% जो अधिकतम 75,000/- रुपये प्रति हेक्टेयर के अध्यधीन है, और अ.जा./अ.ज.जा के लिए खेती की लागत का 75%, जो प्रति हेक्टेयर 1,68,000/- रुपये के अध्यधीन है और यह प्रत्येक वर्ष क्रमशः 37,500/- रुपये और 84,000/- रुपये की दो वार्षिक किश्तों में देय है।

0.10 हेक्टेयर से 8 हेक्टेयर के आकार वाली भूमि धारित करने वाले वैयक्तिक पंजीकृत इलायची उत्पादक।

कार्यक्रम के तहत एक सतत ब्लॉक में प्रतिस्थापित किए जाने वाला न्यूनतम क्षेत्र 0.10 हेक्टेयर है तथा 2021-2026 से 5 साल के ब्लॉक वर्ष में अधिकतम क्षेत्र प्रति लाभार्थी प्रति वर्ष 2 हेक्टेयर और अधिकतम 8 हेक्टेयर तक सीमित है।

निकटस्थ रोपण [विशुद्ध फसल] के लिए पौधों की जनसंख्या न्यूनतम 3000 और अंतर्रोपित रोपण में 1500 है।

पुनर्रोपण चक्र को 8 वर्ष माना जाता है और लाभार्थी द्वारा उसी क्षेत्र में पुनर्रोपण के लिए दूसरी बार लाभ केवल 8 वर्ष पूरे होने पर ही उपलब्ध होगा, प्राकृतिक आपदाओं, विनाशकारी कीट और रोग के हमलों जैसी विशेष परिस्थितियों को छोड़कर जिसे बोर्ड द्वारा गठित समिति द्वारा प्रमाणित किया गया है।
1.कर्नाटक और संभावित क्षेत्र वाले अन्य राज्य

2. अभिहित अधिकारी अंतिम निरीक्षण करेंगे और पात्र मामलों की सिफारिश करेंगे।

सकर के साथ विशुद्ध फसल के रूप में पुनर्रोपण/नव रोपण को तरजीह दी जाएगी।
छोटी इलायची सिंचाई क्षेत्र विकास
10 सिंचाई/जल संचयन संरचना (संख्या)

छोटी इलायची की उत्पादकता बढ़ाने और गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए जल भंडारण संरचनाओं के निर्माण द्वारा भूमि का विकास करने और उत्पादकों को सिंचाई के तहत अधिक क्षेत्र शामिल करने के लिए प्रेरित करना।
क) भूमि के स्वामित्व अथवा विधिक कब्जे के द्स्तावेज अर्थात पट्टा
ख) चालू वर्ष की भूमि कर रसीद/आरटीसी/चिट्ठा अदांगल
ग) सीआर/एसीआर/ सीडीआरसी पृष्ठांकन
घ) आधार कार्ड
ड.) बैंक पासबुक की प्रति
च) अर्हक/लाइसेंसशुदा अथवा सरकारी सिविल इंजीनियर, जो निर्माण के लिए सरकार द्वारा अनुमोदित दरों का पालन करते है, से प्रस्तावित संरचना की योजना और वित्त अनुमान।
सामान्य श्रेणी के लिए निर्माण लागत का 50%, अधिकतम 30,000 रुपये के अध्यधीन और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए 75%, प्रति संरचना अधिकतम 45,000/- रुपये के अध्यधीन।

कार्यक्रम के अंतर्गत अधिकतम अनुदान सहायता प्राप्त करने के लिए सिंचाई संरचना की न्यूनतम क्षमता 25 घन मीटर होनी चाहिए। जिस किसान ने पहले यह लाभ प्राप्त कर लिया है, वह लाभ को पुन: प्राप्त करने का पात्र नहीं होगा।

0.10 हेक्टेयर से 8 हेक्टेयर के आकार की भूमि धारित करने वाले वैयक्तिक पंजीकृत इलायची उत्पादक इस योजना का लाभ उठाने के लिए पात्र हैं।
1.कर्नाटक, तमिलनाडु और कर्नाटक

2. अभिहित अधिकारी अंतिम निरीक्षण करेंगे और पात्र मामलों की सिफारिश करेंगे।
जल-धाराओं सहित पानी के प्राकृतिक प्रवाह को अवरुद्ध करने वाले और आपत्तिजनक प्रकृति के निर्माण, चाहे वे स्थानीय समुदाय के हों या संबंधित प्राधिकारियों के, पर सहायता की सिफारिश करने के लिए विचार नहीं किया जाएगा।
मंजूरी के लिए मामले की सिफारिश करने से पहले जांच अधिकारी को यह सुनिश्चित करना होगा कि आवेदक द्वारा उपरोक्त शर्त का उल्लंघन नहीं किया गया है।
11 सिंचाई उपकरण (संख्या)

सिंचाई की विभिन्न पद्धतियों का प्रयोग करते हुए छोटी इलायची की उत्पादकता बढ़ाने और गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए सिंचाई के तहत अधिक क्षेत्र शामिल करने और भूमि का विकास करने के लिए उत्पादकों को प्रेरित करने के प्रयोजनार्थ निम्नलिखित उपकरणों की संस्थापना को सहायता प्रदान की जाती है:

क) ग्रेविटी उपकरण

ख) सिंचाई पम्प सेट (आईपी सेट)

ग) स्प्रिंक्लर्स/ड्रिप/माइक्रो स्प्रिंक्लर सेट्स

क) भूमि के स्वामित्व अथवा विधिक कब्जे के द्स्तावेज अर्थात पट्टा

ख) चालू वर्ष की भूमि कर रसीद/आरटीसी/चिट्ठा अदांगल

ग) सीआर/एसीआर/ सीडीआरसी पृष्ठांकन

घ) आधार कार्ड

ड.) बैंक पासबुक की प्रति

च) प्राधिकृत डीलर से कोटेशन अथवा यदि कोई प्राधिकृत डीलर नहीं है, तो तीन प्रतिस्पर्धी कोटेशनें।
ग्रेविटी के लिए कुल लागत का 50%, अधिकतम 5000/- रु. (सामान्य) और 11250/- रु. (अजा/अजजा), आईपी सेट के लिए 15,000/- (सामान्य) और 45,000/- रु. (अजा/अजजा) और स्प्रिंक्लर्स/माइक्रो स्प्रिंक्लर सेटों के लिए 32,000/- (सामान्य) और 95,000/- (अजा/अजजा) के अध्यधीन।

0.10 हेक्टेयर से 8 हेक्टेयर के आकार की भूमि धारित करने वाले वैयक्तिक पंजीकृत इलायची उत्पादक ग्रेविटी और सिंचाई पम्प (आईपी से) के लिए पात्र हैं।

0.4 हेक्टेयर से 8 हेक्टेयर के आकार की भूमि धारित करने वाले पंजीकृत इलायची उत्पादक स्प्रिंक्लर्स/ड्रिप/माइक्रो सिंचाई उपकरणों के लिए पात्र हैं।

जिस किसान ने पूर्व में यह लाभ प्राप्त कर लिया है, वह पुन: यह लाभ प्राप्त करने का पात्र नहीं हैं।
1.केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक

2. अभिहित अधिकारी अंतिम निरीक्षण करेंगे और पात्र मामलों की सिफारिश करेंगे।
12 वर्षा जल संचयन संरचना (संख्या)

छोटी इलायची की उत्पादकता बढ़ाने और गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए जल भंडारण संरचनाओं के निर्माण द्वारा भूमि का विकास करने और उत्पादकों को सिंचाई के तहत अधिक क्षेत्र शामिल करने के लिए प्रेरित करना।
केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक

क) भूमि के स्वामित्व अथवा विधिक कब्जे के द्स्तावेज अर्थात पट्टा

ख) चालू वर्ष की भूमि कर रसीद/आरटीसी/चिट्ठा अदांगल

ग) सीआर/एसीआर/ सीडीआरसी पृष्ठांकन

घ) आधार कार्ड

ड.) बैंक पास बुक
सामान्य श्रेणी के लिए निर्माण लागत का 33.33%, अधिकतम 18,000 रुपये के अध्यधीन और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए 75%, प्रति संरचना अधिकतम 40,000/- रुपये के अध्यधीन।

उपरोक्त सहायता सिलपॉलिन शीट रेखित 200 घन मीटर क्षमता की संरचना के लिए होगी। कम क्षमता के लिए सहायता जल धारण क्षमता के अनुपात में सीमित होगी।

उपकरण सीधे वर्षा के जल के साथ-साथ सतही अपवाह से जल संचयन कर सकते हैं, तथा इनके द्वारा जल धाराओं सहित पानी के प्राकृतिक प्रवाह को अवरुद्ध नहीं किया जाता है।

0.10 हेक्टेयर से 8 हेक्टेयर के आकार की भूमि धारित करने वाले पंजीकृत इलायची उत्पादक।
अभिहित अधिकारी निरीक्षण करेंगे और प्रत्यायोजन के लिए पात्र मामलों की सिफारिश करेंगे तथा संबंधित नियंत्रण अधिकारियों द्वारा जांच संचालित की जाएगी।

जल-धाराओं सहित पानी के प्राकृतिक प्रवाह को अवरुद्ध करने वाले और आपत्तिजनक प्रकृति के निर्माण, चाहे वे स्थानीय समुदाय के हों या संबंधित प्राधिकारियों के, पर सहायता की सिफारिश करने के लिए विचार नहीं किया जाएगा।

मंजूरी के लिए मामले की सिफारिश करने से पहले जांच अधिकारी को यह सुनिश्चित करना होगा कि आवेदक द्वारा उपरोक्त शर्त का उल्लंघन नहीं किया गया है।
13 विभागीय नर्सरी

पुराने और जीर्ण बागानों का पुनर्रोपण करने और उनका पुनर्रुद्धार करने के लिए छोटे और सीमांत उत्पादकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए इलायची और अन्य निर्यातयोग्य मसालों की गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री की आपूर्ति करना।
विनिर्दिष्ट प्ररूप में आवेदन उत्पादन की लागत के आधार पर नियत की गई नाममात्र की दरों पर रोपण सामग्री का वितरण्।

सभी इलायची/मसाला उत्पादक/मसालों की खेती को सहायता प्रदान करने वाली अन्य एजेंसियां
1.1. कर्नाटक

2.2. आवेदकों को उपलब्धता के अनुसार विभागीय पौधशाला से रोपण सामग्री आबंटित की जाएगी तथा उसकी भुगतान लागत बोर्ड द्वारा समय-समय पर नियत की जाएगी।
यौगिक कृषि
14 यौगिक प्रमाणन समूह

फार्म के लिए जैविक प्रमाणीकरण प्राप्त करने में किसान समूहों/एफपीओ का समर्थन करना जो जैविक मसालों के विपणन के लिए एक पूर्वापेक्षा है।
क) प्रमाणन निकाय (सीबी) का टैरिफ और प्रमाणन के लिए अनुमान

ख) सीबी से बीजक/भुगतान एडवाइस

ग) संदत्त भुगतानों के दस्तावेज जैसे बिल/रसीदें आदि

घ) अनुबंधों के साथ व्याप्ति प्रमाण-पत्रों की प्रति

ड.) सीबी की अनुमोदित कृषक सूची

ओएनईआर समूहों के लिए अधिकतम 1,50,000/- रु. के अध्यधीन 50 प्रतिशत तथा एनईआर समूहों के लिए अधिकतम 2,70,000/- रु. के अध्यधीन 90 प्रतिशत। पात्रता/चयन पर वरीयता

प्रथम:
समूह जो यौगिक मसालों का उत्पादन करते हैं

द्वितीय:
किसी भी फसल प्रणाली को अपनाने वाले जैविक मसालों का उत्पादन करने वाले किसानों की अनुमोदित सूची में 50% से अधिक किसान।

कोई समूह/एफपीओ संघटक में निधि की उपलब्धता के अनुसार 2021 से 2026 तक लगातार 5 साल के ब्लॉक वर्ष में तीन बार या विभाजित रीति से सहायता के लिए पात्र है।

1. भारत में मसाला उगाने वाले सभी राज्य और क्षेत्र/संघ राज्यक्षेत्र

2. बोर्ड के पास सहायता प्रदान करने से पहले या बाद में अभिरक्षा की श्रृंखला में किसी भी अवस्था में कोई भी जांच करने का अधिकार सुरक्षित है।
15 आंतरिक नियंत्रण प्रणाली (आईसीएस) (संख्या)

जैविक प्रमाणीकरण और उत्पाद के एकत्रीकरण के लिए समूह गठन, जैविक विनियमों, प्रमाणन प्रक्रियाओ, प्रशिक्षण, प्रलेखन, आंतरिक निरीक्षण आदि पर किसानों को तैयार करने के लिए उत्पादक समूहों/एफपीओ को उत्पादक समूह प्रमाणन स्थापित करने में सहायता करना।
क) प्रमाणन निकाय (सीबी) का टैरिफ और प्रमाणन के लिए अनुमान

ख) सीबी से बीजक/भुगतान एडवाइस

ग) संदत्त भुगतानों के दस्तावेज जैसे बिल/रसीदें आदि

घ) अनुबंधों के साथ व्याप्ति प्रमाण-पत्रों की प्रति

ड.) सीबी की अनुमोदित कृषक सूची

च) सीजन के लिए आईसीएस के आयोजन की लागत आईसीएस प्रबंधक द्वारा प्रमाणित वक्तव्य और, यथास्थिति, अधिदेशकर्ता या सक्षम व्यक्ति द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित बिल, वाउचर आदि जैसे व्यय के प्रमाण के साथ।
ओएनईआर समूहों के लिए अधिकतम 1,12,000/- रु. के अध्यधीन 50 प्रतिशत तथा एनईआर समूहों के लिए अधिकतम 1,68,000/- रु. के अध्यधीन 90 प्रतिशत।

कोई आईसीएस संघटक में निधि की उपलब्धता के अनुसार 2021 से 2026 तक लगातार 5 साल के ब्लॉक वर्ष में तीन बार या विभाजित रीति से सहायता के लिए पात्र है।

पात्रता/चयन पर वरीयता
प्रथम: समूह जो यौगिक मसालों का उत्पादन करते हैं
द्वितीय: किसी भी फसल प्रणाली को अपनाने वाले जैविक मसालों का उत्पादन करने वाले किसानों की अनुमोदित सूची में 50% से अधिक किसान

1.भारत में मसाला उगाने वाले सभी राज्य और क्षेत्र/संघ राज्यक्षेत्र

2. बोर्ड के पास सहायता प्रदान करने से पहले या बाद में अभिरक्षा की श्रृंखला में किसी भी अवस्था में कोई भी जांच करने का अधिकार सुरक्षित है।
16 कृमिखाद इकाई का निर्माण (संख्या)

मसालों के जैविक उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मृदा की उर्वरता बनाए रखने के प्रयोजनार्थ गुणवत्तापूर्ण कृमिखाद का उत्पादन करने के लिए खेत में ही कृमिखाद इकाइयों का उत्पादन के लिए उत्पादकों को बढ़ावा देना।
क) आधार कार्ड

ख) चालू वर्ष की भूमि कर रसीद/पर्चा

ग) बैंक पासबुक का प्रथम पृष्ठ

सामान्य श्रेणी के लिए कृमिखाद इकाई की एक-टन क्षमता की लागत का 33.33%, 4500/- रु. की दर से तथा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए 75%, 10,000/- रु. की दर से।

0.10 हेक्टेयर से 8.00 हेक्टेयर तक भूमि धारिता वाले मसाला उत्पादक। 4 हेक्टेयर तक क्षेत्रफल वाला उत्पादक अधिकतम 1 इकाई का लाभ उठाने के लिए पात्र होगा और 4 हेक्टेयर से अधिक और 8 हेक्टेयर तक के क्षेत्र वाले उत्पादक योजना के तहत अधिकतम 2 इकाइयों का लाभ उठाने के लिए पात्र होंगे।

कृमिखाद इकाई निर्माण का आकार 2.7 मीटर x 0.9 मीटर x 0.9 मीटर होगा जिसकी दो चक्रों में एक टन उत्पादन करने की क्षमता होगी।

उपरोक्त उत्पादन क्षमता वाली स्थानीय रूप से उपलब्ध अनुकूलित इकाइयाँ भी सहायक बिलों और खरीद के दस्तावेजों के साथ सहायता के लिए पात्र हैं और सहायता वास्तविक लागत की सहायता के पात्र प्रतिशत तक सीमित होगी।
1.भारत में मसाला उगाने वाले सभी राज्य और क्षेत्र/संघ राज्यक्षेत्र

2. अभिहित अधिकारी निरीक्षण करेंगे और पात्र मामलों की सिफारिश करेंगे।

उन किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी जो आईसीएस समूहों/एफपीओ के सदस्य हैं।
17 जैविक बीज बैंक (हेक्टेयर)

शुद्धता बनाए रखने और गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री के स्रोत के रूप में काम करने के लिए समृद्ध भीतरी गुण रखने वाली अदरक और हल्दी तथा हर्बल मसालों की स्वदेशी किस्मों की रोपण सामग्री के प्रवर्धन के लिए उत्पादकों के खेत में जैविक बीज बैंक स्थापित करना
क) स्वामित्व/विधिक कब्जे के भूमि दस्तावेज

ख) चालू वर्ष की कर अदायगी रसीद/चिट्ठा अदांगल/ पूर्वोत्तर के लिए अनापत्ति प्रमाण-पत्र

ग) आधार कार्ड

घ) बैंक पास बुक का प्रथम पृष्ठ

ड.) जैविक प्रमाणन/आईसीएस के विवरण

च) किसानो और आईसीएस के साथ संविदा/करार, यदि आईसीएस किसानों के खेत में बीज बैंक स्थापित कर रहा है।
सामान्य श्रेणी के तहत अदरक और हल्दी के लिए 37,500/- रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से उत्पादन लागत का 50% और हर्बल मसालों के लिए 22,500/- रुपये, जो भी कम हो और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए अदरक और हल्दी के लिए लागत का 75% अधिकतम 56,000/- रुपये के अध्यधीन तथा जैविक खेती के लिए चुनी गई देशी किस्मों की हर्बल प्रजातियों के लिए जड़ी-बूटियों के मसालों के लिए और रु. 34,000/- प्रति हेक्टेयर।

मसालों की किसी भी देशी किस्म के वैयक्तिक त्पादक जैसे केरल की कोचीन अदरक, पूर्वोत्तर राज्यों की नादिया अदरक, केरल की एलेप्पी फिंगर हल्दी, महाराष्ट्र की राजापुरी हल्दी, मेघालय की लकडोंग/मेघा हल्दी और तमिलनाडु के हर्बल मसाले जिनकी भूमि का आकार 0.10 हेक्टेयर से 8 हेक्टेयर तक है, जो जैविक प्रमाणीकरण के अधीन हैं, वे इस घटक के तहत लाभ प्राप्त करने के पात्र हैं। कोई उत्पादक/समूह इस योजना के तहत अधिकतम 3 वर्षों के लिए अधिकतम 2 हेक्टेयर/लाभार्थी की सहायता प्राप्त कर सकता है।

अपनी स्वयं की उपयुक्त भूमि के बिना कोई आईसीएस इस उद्देश्य के लिए पहचाने गए समूह में किसी सदस्य की उपयुक्त भूमि पर अपने नाम पर बीज बैंक स्थापित करने के लिए सहायता प्राप्त कर सकता है, लागत मूल्य पर अपने सदस्यों के बीच बीजों के वितरण के लिए एक उद्देश्य के लिए पहचाने गए किसान के साथ समझौता में हस्ताक्षर करके सहायता प्राप्त कर सकता है। इस । समझौता या तो प्रमाणीकरण के लिए आईसीएस के साथ किसान द्वारा हस्ताक्षरित अनिवार्य अनुबंध का हिस्सा हो सकता है या इस उद्देश्य के लिए अपनी जमीन को छोड़ने के लिए सहमति के साथ एक अलग समझौता हो सकता है और मसाला बोर्ड से आईसीएस को सहायता जारी कर सकता है।
1. सिक्किम, अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के लिए वरीयता और उनके पश्चात केरल, तमिलनाडु एवं महाराष्ट्र और अन्य राज्य।

2. अभिहित अधिकारी निरीक्षण करेंगे और पात्र मामलों की सिफारिश करेंगे।
फसलोत्तर सुधार
18 पुदीना आसवन (संख्या)

आसवन इकाइयों की दक्षता में सुधार करने के साथ-साथ निर्यात के लिए तेल की गुणवत्ता में सुधार करने के प्रयोजनार्थ पुदीना उत्पादकों को अपने खेतों में स्टेनलेस स्टील के साथ सज्जित आधुनिक फील्ड आसवन इकाइयां स्थापित करने के लिए प्रेरित करना।
क) स्वामित्व/विधिक कब्जे के भूमि दस्तावेज

ख) चालू वर्ष की कर अदायगी रसीद/चिट्ठा अदांगल

ग) आधार कार्ड

घ) बैंक पास बुक का प्रथम पृष्ठ

ड.) मसाला बोर्ड द्वारा पैनल पर रखे गए उपकरणों/उपस्करों के निर्माता से खरीद के संबंध में चालान और भुगतान दस्तावेज
सामान्य श्रेणी के लिए इकाई की लागत का 50%, अधिकतम 1,88,000/- रुपये प्रति इकाई के अध्यधीन और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए 75%, अधिकतम 2,80,000/- रुपये प्रति इकाई के अध्यधीन और पहचाने गए समूहों में मसाला उत्पादक समूहों के लिए 90%, अधिकतम 3,38,000/- रुपये के अध्यधीन।

0.4 हे. से 8 हे. के आकार की भूमि धारिता रखने वाले वैयक्तिक उत्पादक तथा सदस्यों के रूप में पुदीना उत्पादकों से मिलकर बने किसानों के समूह/एफपीओ।
समूहों/एफपीओ के लिए सहायता वैसी ही होगी जैसी क्यूजीबीजी में होती है।
1.अधिमानत: भारत/संघ राज्यक्षेत्र में पुदीना उत्पादक राज्य और क्षेत्र

2. अभिहित अधिकारी निरीक्षण करेंगे और पात्र मामलों की सिफारिश करेंगे।
19 जायफल/लौंग ड्रायर (संख्या

निर्यात के प्रयोजनार्थ गुणवत्तापूर्ण जायफल, जावित्री और लौंग का उत्पादन करने के लिए यांत्रिक ड्रायर का उपयोग करते हुए स्वास्थ्यकर तरीके से जायफल/लौंग को सुखाने की प्रक्रिया को किसानों के मध्य लोकप्रिय बनाना।
क) स्वामित्व/विधिक कब्जे के भूमि दस्तावेज

ख) चालू वर्ष की कर अदायगी रसीद/चिट्ठा अदांगल

ग) आधार कार्ड

घ) बैंक पास बुक का प्रथम पृष्ठ

ड.) मसाला बोर्ड द्वारा पैनल पर रखे गए उपकरणों/उपस्करों के निर्माताओं से खरीद के संबंध में चालान और भुगतान दस्तावेज
सामान्य श्रेणी के लिए इकाई की लागत का 50%, अधिकतम 37,500/- रुपये प्रति इकाई के अध्यधीन और एनई/अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए 75%, अधिकतम 56,000/- रुपये प्रति इकाई के अध्यधीन और पहचाने गए मसाला उत्पादकों के समूहों के लिए 90%, अधिकतम 67,500/- रुपये के अध्यधीन।

न्यूनतम 0.10 हे. [20 जायफल/लौंग वृक्ष] से 8 हे. [1600 जायफल/लौंग वृक्ष] रखने वाले वैयक्तिक उत्पादक।

समूहों/एफपीओ के लिए सहायता वैसी ही होगी जैसी क्यूजीबीजी में होती है।
1.भारत में सभी मसाला उत्पादक राज्य/संघ राज्यक्षेत्र

2. अभिहित अधिकारी निरीक्षण करेंगे और पात्र मामलों की सिफारिश करेंगे। चूंकि यह एक बहुउद्देश्यीय ड्रायर है, इस सुविधा का उपयोग अन्य उपयुक्त मसालों को सुखाने के लिए भी किया जा सकता है और सहायता प्राप्त करने के लिए क्षेत्रीय अधिकारी की सिफारिश के साथ निदेशक (विकास) मसाला बोर्ड से आवश्यक अनुमोदन प्राप्त किया जा सकता है।
20 काली मिर्च थ्रेशर (संख्या)

काली मिर्च उत्पादकों को निर्यात के लिए अच्छी गुणवत्ता वाली काली मिर्च का उत्पादन करने के लिए प्रेरित करने के प्रयोजनार्थ स्पाइक्स से काली मिर्च बेरीज के स्वच्छ पृथक्करण के लिए काली मिर्च थ्रेशर की स्थापना को प्रोत्साहित करना।
भारत में सभी राज्य

क) स्वामित्व/विधिक कब्जे के भूमि दस्तावेज

ख) चालू वर्ष की कर अदायगी रसीद/चिट्ठा अदांगल

ग) आधार कार्ड

घ) बैंक पास बुक का प्रथम पृष्ठ

ड.) मसाला बोर्ड द्वारा पैनल पर रखे गए उपकरणों/उपस्करों के निर्माता से खरीद के संबंध में चालान और भुगतान दस्तावेज

सामान्य श्रेणी के लिए इकाई की लागत का 50%, अधिकतम 19,000/- रुपये प्रति इकाई के अध्यधीन और एनई/अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए 75%, अधिकतम 28,000/- रुपये प्रति इकाई के अध्यधीन और पहचाने गए समूहों में मसाला उत्पादकों के समूहों के लिए 90%, अधिकतम 34,000/- रुपये के अध्यधीन।

पैदावार देने वाली न्यूनतम 100 बेलें रखने वाले सभी काली मिर्च उत्पादक।
समूहों/एफपीओ के लिए सहायता वैसी ही होगी जैसी क्यूजीबीजी में होती है।
1.अधिमानत: भारत/संघ राज्यक्षेत्र में सभी काली मिर्च उत्पादक राज्य और संघ राज्यक्षेत्र

2.अभिहित अधिकारी निरीक्षण करेंगे और पात्र मामलों की सिफारिश करेंगे।
21 सीड स्पाइस थ्रेशर (संख्या)

यांत्रिक सीड स्पाइसेज़ थ्रेशर (विद्युत चालित) का प्रयोग करते हुए गुणवत्तापूर्ण सीड स्पाइसेज़ के उत्पादन के लिए स्वास्थ्यकर थ्रेशिंग प्रक्रियाओं को अपनाने के लिए किसानों को प्रेरित करना।
क) भूमि के स्वामित्व/विधिक कब्जे के दस्तावेज

ख) चालू वर्ष की कर अदायगी रसीद

ग) आधार कार्ड

घ) बैंक पास बुक का प्रथम पृष्ठ

ड.) अनुमोदित विनिर्माताओं से कोटेशन
सामान्य श्रेणी के लिए इकाई की लागत का 50%, अधिकतम 75,000/- रुपये प्रति इकाई के अध्यधीन और एनई/अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए 75%, अधिकतम 1,12,000/- रुपये प्रति इकाई के अध्यधीन और पहचाने गए समूहों में मसाला उत्पादकों के समूहों के लिए 90%, अधिकतम 1,35,000/- रुपये के अध्यधीन।

0.40 हे. से 8 हे. भूमि रखने वाले वैयक्तिक उत्पादक आवेदन करने के लिए पात्र हैं।

समूहों/एफपीओ के लिए सहायता वैसी ही होगी जैसी क्यूजीबीजी में होती है।
1.अधिमानत: भारत/संघ राज्यक्षेत्र में सभी सीड स्पाइस उत्पादक राज्य और संघ राज्यक्षेत्र

2. अभिहित अधिकारी निरीक्षण करेंगे और पात्र मामलों की सिफारिश करेंगे।
22 हल्दी बॉयलर (संख्या)

उत्पादकों को स्टीम बॉयलिंग यूनिट का प्रयोग करते हुए स्वास्थ्यकर रूप से हल्दी को उबालने तथा निर्यात के लिए उपयुक्त गुणवत्तापूर्ण हल्दी उत्पादित करने के लिए प्रेरित करना।
क). वर्तमान वर्ष की भूमि कर रसीद/चिट्ठा आदंगल/आरटीसी/पर्चा/कब्जे का प्रमाण-पत्र

घ) आधार की प्रति

ग) बैंक पास बुक का पहला पृष्ठ

घ) मसाला बोर्ड द्वारा पैनल पर रखे गए उपकरणों/उपस्करों के निर्माता से खरीद के संबंध में बीजक और भुगतान दस्तावेज
सामान्य श्रेणी के लिए इकाई की लागत का 50%, अधिकतम 1,88,000/- रुपये प्रति इकाई के अध्यधीन और एनई/अजा/अजजा के लिए 75%, अधिकतम 2,28,000/- रुपये प्रति इकाई के अध्यधीन और पहचाने गए समूहों में मसाला उत्पादकों के समूहों के लिए 90%, अधिकतम 3,38,000/- रुपये के अध्यधीन।

हल्दी पैदावार के अंतर्गत न्यूनतम 0.40 हे. से 8 हे. की भूमि रखने वाले वैयक्तिक किसान योजना के अंतर्गत लाभ के लिए पात्र हैं।

समूहों/एफपीओ के लिए सहायता वैसी ही होगी जैसी क्यूजीबीजी में होती है।

1. भारत में सभी हल्दी उत्पादक राज्य और क्षेत्र/संघ राज्यक्षेत्र

2. अभिहित अधिकारी निरीक्षण करेंगे और पात्र मामलों की सिफारिश करेंगे।
23 छोटी इलायची, बड़ी इलायची, हल्दी आदि के लिए पॉलिशर (संख्या)

निर्यात के लिए उपयुक्त मसालों की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए मसालों की समुचित पॉलिशिंग पद्धतियों को अपनाने के लिए उत्पादकों को प्रेरित करना।
क) वर्तमान वर्ष की भूमि कर रसीद/चिट्ठा आदंगल/आरटीसी/पर्चा/कब्जे का प्रमाण-पत्र

घ) आधार की प्रति

ग) बैंक पास बुक का पहला पृष्ठ

घ) मसाला बोर्ड द्वारा पैनल पर रखे गए उपकरणों/उपस्करों के निर्माता से खरीद के संबंध में बीजक और भुगतान दस्तावेज
सामान्य श्रेणी के लिए इकाई की लागत का 50%, अधिकतम 94,000/- रुपये प्रति इकाई के अध्यधीन और एनई/अजा/अजजा के लिए 75%, अधिकतम 1,40,000/- रुपये प्रति इकाई के अध्यधीन और पहचाने गए समूहों में मसाला उत्पादकों के समूहों के लिए 90%, अधिकतम 1,70,000/- रुपये के अध्यधीन।

मसालों के लिए न्यूनतम 0.40 हे. से 8 हे. भूमि रखने वाले वैयक्तिक किसान।

समूहों/एफपीओ के लिए सहायता वैसी ही होगी जैसी क्यूजीबीजी में होती है।
1.भारत में सभी हल्दी उत्पादक राज्य और क्षेत्र/संघ राज्यक्षेत्र

2.अभिहित अधिकारी निरीक्षण करेंगे और पात्र मामलों की सिफारिश करेंगे।

इस सुविधा का उपयोग अन्य उपयुक्त मसालों की पॉलिशिंग के लिए भी किया जा सकता है और सहायता प्राप्त करने के लिए क्षेत्रीय अधिकारी की सिफारिश के साथ निदेशक (विकास) मसाला बोर्ड से आवश्यक अनुमोदन प्राप्त किया जा सकता है।
24 छोटी इलायची के लिए आईसीसीडी (संख्या) (संवर्धित इलायची देखरेख उपकरण)

निर्यात के लिए बेहतर गुणवत्तापूर्ण इलायची का उत्पादन करने के लिए इलायची को सुखाने के लिए संवर्धित इलायची देखरेख उपकरणों को अपनाने के लिए उत्पादकों को प्रोत्साहित करना।
क) आधार कार्ड

ख) वर्तमान वर्ष की भूमि कर रसीद/चिट्ठा आदंगल

ग) बैंक पास बुक

घ) सीआर/एसीआर

ड.) मसाला बोर्ड द्वारा पैनल पर रखे गए उपकरणों/उपस्करों के निर्माता से खरीद के संबंध में बीजक और भुगतान दस्तावेज
सामान्य श्रेणी के लिए इकाई की लागत का 33.33%, अधिकतम 1,50,000/- रुपये प्रति इकाई के अध्यधीन और अजा/अजजा के लिए 75%, अधिकतम 3,37,500/- रुपये प्रति इकाई के अध्यधीन और पहचाने गए समूहों में मसाला उत्पादकों के समूहों के लिए 90%, अधिकतम 4,00,000/- रुपये के अध्यधीन।

न्यूनतम 0.40 हे. से 8 हे. भूमि धारिता रखने वाले पंजीकृत इलायची उत्पादक।
समूहों/एफपीओ के लिए सहायता वैसी ही होगी जैसी क्यूजीबीजी में होती है।
1.केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक

2. अभिहित अधिकारी निरीक्षण करेंगे और पात्र मामलों की सिफारिश करेंगे।
25 पूर्वोत्तर, कलिंगपोंग और दार्जिलिंग जिले में बड़ी इलायची के लिए आईसीसीडी (संख्या)

निर्यात के लिए बेहतर गुणवत्तापूर्ण इलायची का उत्पादन करने के लिए इलायची को सुखाने के लिए संवर्धित इलायची देखरेख उपकरणों को अपनाने के लिए उत्पादकों को प्रोत्साहित करना।
क) पर्चा प्रति/कब्जे का प्रमाण-पत्र

ख) आधार कार्ड

ग) बैंक पास बुक

घ) अजा/अजजा प्रमाण-पत्र की प्रति (यदि लागू है)

ड.) यदि भूमि लाभार्थी के नाम पर नहीं है, तो पंचायत से अनापत्ति प्रमाण-पत्र

ड.) अनुमोदित विनिर्माताओं/फैब्रिकेटरों से कोटेशन जिसमें ड्रायर की क्षमता और लागत को दर्शाया गया हो।

एनई/अजा/अजजा एवं पश्चिम बंगाल के दार्जलिंग और कलिंगपोंग जिले के लिए 75%, अधिकतम 3,75,000/- रुपये प्रति इकाई के अध्यधीन और पहचाने गए समूहों में मसाला उत्पादकों के समूहों के लिए 90%, अधिकतम 4,50,000/- रुपये के अध्यधीन।

सहायता में दक्षिण भारत से ढुलाई की लागत भी शामिल है, क्योंकि वहां कहीं भी फेब्रिकेटर्स उपलब्ध नहीं हैं।
0.40 हे. से 8 हे. आकार की भूमि धारिता रखने वाले बड़ी इलायची उत्पादक।
समूहों/एफपीओ के लिए सहायता वैसी ही होगी जैसी क्यूजीबीजी में होती है।
1. सिक्किम, पश्चिम बंगाल के दार्जलिंग और कलिंगपोंग जिले तथा अन्य पूर्वोत्तर राज्य।

2. अभिहित अधिकारी अंतिम निरीक्षण करेंगे और पात्र मामलों की सिफारिश करेंगे।
26 बड़ी इलायची ड्रायर (संख्या)

बड़ी इलायची की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए वैज्ञानिक देखरेख पद्धतियों को अपनाने के लिए कृषक समुदाय को प्रेरित करना।
क) चालू वर्ष की भूमि कर रसीद/पर्चा प्रति

ख) आधार कार्ड

ग) बैंक पासबुक के प्रथम पृष्ठ की प्रति

घ) यदि भूमि लाभार्थी के नाम पर नहीं है, तो पंचायत से अनापत्ति प्रमाण-पत्र
सामान्य श्रेणी के लिए इकाई की लागत का 33.33%, अधिकतम 16,000/- रुपये प्रति इकाई के अध्यधीन और एनई/अजा/अजजा एवं पश्चिम बंगाल के दार्जलिंग और कलिंगपोंग जिले के लिए 75%, अधिकतम 28,000/- रुपये प्रति इकाई के अध्यधीन तथा पहचाने गए समूहों में मसाला उत्पादकों के समूहों के लिए 90%, अधिकतम 43,000/- रुपये के अध्यधीन।

0.10 हे. से 0.40 हे. की भूमि रखने वाले सीमांत इलायची उत्पादक 200 किगा. क्षमता की भट्टी अथवा डबल डोर सावो/समकक्ष ड्रायर का लाभ उठा सकते हैं।

0.4 हे. से 8 हे. की भूमि रखने वाले छोटे उत्पादक 400 किगा. क्षमता की भट्टी अथवा डबल डोर सावो/समकक्ष ड्रायर का लाभ उठा सकते हैं।
सहायता की मात्रा आवेदक ले लिए उपर्युक्तानुसार क्षमता पात्रता तक सीमित है। समूहों/एफपीओ के लिए सहायता वैसी ही होगी जैसी क्यूजीबीजी में होती है।
1.सिक्किम, पश्चिम बंगाल के दार्जलिंग और कलिंगपोंग जिले तथा अन्य पूर्वोत्तर राज्य।

2.अभिहित अधिकारी अंतिम निरीक्षण करेंगे और पात्र मामलों की सिफारिश करेंगे।
27 स्पाइस क्लीनर्स/ग्रेडर्स/ स्पाइरल ग्रेविटी सेपेरेटर्स (संख्या)

मशीनीकरण के माध्यम से मसालों के उत्पादन में लाभ में वृद्धि करने और निर्यात के लिए मसालों की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए स्पाइस क्लीनर्स/ग्रेडर्स/स्पाइरल ग्रेविटी सेपेरेटर्स को लोकप्रिय बनाना।
क) आधार कार्ड

ख) वर्तमान वर्ष की भूमि कर रसीद/चिट्ठा आदंगल/पर्चा प्रति/कब्जे का प्रमाण-पत्र जिसमें कुल क्षेत्र दर्शाया गया हो/पूर्वोत्तर के लिए अनापत्ति प्रमाण-पत्र

ग) बैंक पास बुक घ) सीआर/एसीआर, यदि लागू है

ड.) मसाला बोर्ड द्वारा पैनल पर रखे गए उपकरणों/उपस्करों के वैध निर्माता से खरीद के संबंध में बीजक और भुगतान दस्तावेज

सामान्य श्रेणी के लिए इकाई की लागत का 50%, अधिकतम 44,000/- रुपये प्रति इकाई के अध्यधीन और एनई/अजा/अजजा के लिए 75%, अधिकतम 66,000/- रुपये प्रति इकाई के अध्यधीन तथा पहचाने गए समूहों में मसाला उत्पादकों के समूहों के लिए 90%, अधिकतम 80,000/- रुपये के अध्यधीन।

0.40 हे. से 8 हे. की भूमि धारिता रखने वाले मसाला उत्पादक।

समूहों/एफपीओ के लिए सहायता वैसी ही होगी जैसी क्यूजीबीजी में होती है।
1.भारत/संघ राज्यक्षेत्रों में सभी मसाला उत्पादन राज्य।

2. अभिहित अधिकारी निरीक्षण करेंगे और पात्र मामलों की सिफारिश करेंगे।
28 मसाला स्लाइसिंग मशीनें (संख्या)

क्रियाकलाप का मशीनीकरण करना और निर्यात के लिए मसालों की गुणवत्ता में सुधार लाना।
क) आधार कार्ड

ख) वर्तमान वर्ष की भूमि कर रसीद/चिट्ठा आदंगल/पर्चा प्रति/कब्जे का प्रमाण-पत्र जिसमें कुल क्षेत्र दर्शाया गया हो/पूर्वोत्तर के लिए अनापत्ति प्रमाण-पत्र

ग) बैंक पास बुक

घ) सीआर/एसीआर, यदि लागू है

ड.) मसाला बोर्ड द्वारा पैनल पर रखे गए उपकरणों/उपस्करों के वैध निर्माता से खरीद के संबंध में बीजक और भुगतान दस्तावेज
सामान्य श्रेणी के लिए इकाई की लागत का 50%, अधिकतम 9,000/- रुपये प्रति इकाई के अध्यधीन और एनई/अजा/अजजा के लिए 75%, अधिकतम 13,000/- रुपये प्रति इकाई के अध्यधीन तथा पहचाने गए समूहों में मसाला उत्पादकों के समूहों के लिए 90%, अधिकतम 16,000/- रुपये के अध्यधीन।

0.40 हे. से 8 हे. की भूमि धारिता रखने वाले मसाला उत्पादक।

समूहों/एफपीओ के लिए सहायता वैसी ही होगी जैसी क्यूजीबीजी में होती है।
1. भारत/संघ राज्यक्षेत्रों में सभी मसाला उत्पादन राज्य।

2. अभिहित अधिकारी अंतिम निरीक्षण करेंगे और पात्र मामलों की सिफारिश करेंगे।
29 स्पाइस वाशिंग मशीनें (संख्या)

मशीनीकरण के माध्यम से मसालों के उत्पादन में लाभ में वृद्धि करने और निर्यात के लिए मसालों की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए स्पाइस वाशिंग मशीनों को लोकप्रिय बनाना।
भारत में सभी राज्य

क) आधार कार्ड

ख) वर्तमान वर्ष की भूमि कर रसीद/चिट्ठा आदंगल/पर्चा प्रति/कब्जे का प्रमाण-पत्र जिसमें कुल क्षेत्र दर्शाया गया हो/पूर्वोत्तर के लिए अनापत्ति प्रमाण-पत्र

ग) बैंक पास बुक

घ) सीआर/एसीआर, यदि लागू है ड.) मसाला बोर्ड द्वारा पैनल पर रखे गए उपकरणों/उपस्करों के वैध निर्माता से खरीद के संबंध में बीजक और भुगतान दस्तावेज
सामान्य श्रेणी के लिए इकाई की लागत का 50%, अधिकतम 53,000/- रुपये प्रति इकाई के अध्यधीन और एनई/अजा/अजजा के लिए 75%, अधिकतम 80,000/- रुपये प्रति इकाई के अध्यधीन तथा पहचाने गए समूहों में मसाला उत्पादकों के समूहों के लिए 90%, अधिकतम 95,000/- रुपये के अध्यधीन।

0.40 हे. से 8 हे. की भूमि धारिता रखने वाले मसाला उत्पादक।
समूहों/एफपीओ के लिए सहायता वैसी ही होगी जैसी क्यूजीबीजी में होती है।
1.भारत/संघ राज्यक्षेत्रों में सभी मसाला उत्पादन राज्य।

2. अभिहित अधिकारी निरीक्षण करेंगे और पात्र मामलों की सिफारिश करेंगे।
30 पहचाने गए क्लस्टरों में क्यूजीबीजी (क्वालिटी गैप ब्रिजिंग ग्रुप) – मसाला उत्पादकों के समूह

पहचाने गए समूहों को सहायता प्रदान करने के माध्यम से गुणवता, सुरक्षा और पहचान के साथ मसालों के उत्पादन में मसाला उत्पादकों के क्षमता को बढ़ाना।
क) कानूनी संस्था सिद्ध करने के लिए दस्तावेज

ख) पदाधिकारियों की सूची।

ग) पंजीकृत कार्यालय और उसके कार्य के स्थान से संबंधित दस्तावेज़

घ) सक्रिय सदस्यों की मसालों के तहत आने वाले उनके क्षेत्र और मौसम के लिए प्रत्येक मसाले के अनुमानित उत्पादन के साथ सूची।

ड.) एग्रीगेटर/निर्यातक के साथ मौजूदा पुनर्विक्रय व्यवस्था का विवरण, यदि कोई हो

च) मसाला बोर्ड से आवेदित सहायता के लिए किसी स्रोत से पूर्व में प्राप्त किसी अन्य सहायता का विवरण।

छ) मसाला बोर्ड द्वारा पैनल पर रखे गए उपकरणों/उपस्करों के वैध निर्माता से खरीद के संबंध में बीजक और भुगतान दस्तावेज

प्रत्येक मसाला उत्पादक समूहों को निम्नलिखित क्रियाकलापों के लिए अधिकतम 25 लाख रुपये की सहायता के अध्यधीन-

1. पैदावारोत्तर मशीन/उपकरण बैंक:

अगले पांच वर्षों के दौरान लागत के अधिकतम 90% पर बोर्ड के फसलोत्तर सुधार कार्यक्रम के तहत सहायता प्राप्त करने वाली पैदावोत्तर मशीन/उपकरण बैंक की स्थापना, जो इस कार्य प्रक्रिया में मसाला निर्माता समूह के लिए निर्धारित प्रत्येक कार्यक्रम/कार्यक्रमों की लागत सीमा तक सीमित है। मसाला उत्पादक समूह के सदस्यों के मध्य उपयोग के लिए पीएचआई कार्यक्रम के प्रत्येक घटक के तहत मसाला उत्पादक समूहों के लिए सहायता केवल दो मशीन/उपकरणों के लिए होगी। बोर्ड के कार्यक्रम के तहत प्राप्त मशीनों/उपकरणों का संरक्षक मसाला उत्पादक समूह (15 लाख रुपये/मसाला उत्पादक समूह) का अभिहित पदाधिकारी होगा।

2. मसाला उप्तादक समूह द्वारा पहचान क्षमता और बिक्री की मात्रा में सुधार पर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जुड़ने के लिए आईटी सहायता (हार्डवेयर + अन्य आवश्यक एक्सेसरीज और सब्सक्रिप्शन) (1.28 लाख रुपये / स्पाइस प्रोड्यूसर्स ग्रुप्स)

3. जीएपी के लिए भूखंड की स्थापना (1.50 लाख रु./मसाला उत्पादक समूह) - क्षेत्रफल 0.4 हेक्टेयर। खेती की मानक लागत के आधार पर और लगातार 3 वर्षों के लिए अधिकतम रु.0.50 लाख/भूखंड/वर्ष के लिए सहायता प्रस्ताव।

4. ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों, जीएपी प्लॉट और मसाला उत्पादक समूहों के रखरखाव के लिए तकनीकी जनशक्ति हेतु सहायता (लगातार 3 वर्षों के लिए 0.20 लाख/व्यक्ति/ माह) सहायता प्रदान की जाएगी। उपरोक्त सहायता मसाला बोर्ड समूहों के साथ समझौता ज्ञापन के आधार पर मसाला उत्पादक समूह को प्रदान की जाएगा जिसे एक विधिक संस्था होने की आवश्यकता है जैसे पंजीकृत एफपीओ, एफपीसी, एसएचजी, एसपीएस और अन्य ऐसी संस्था जो विधिक रूप से बाध्यकारी समझौते को कर सकती हैं। वे संस्थाएं जो प्रचार/प्रायोजन एजेंसियों के अलावा अन्य सहायता प्राप्त करने से प्रतिबंधित हैं, इस घटक के तहत पात्र नहीं हैं। नीति आयोग द्वारा नियम और शर्तों के आधार पर सहायता जारी की जाएगी।
1.भारत में सभी मसाला उत्पादक राज्य और क्षेत्र जो अधिमानत: ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) है और एमओसी के एईपी के तहत मसालों का समूह है और मसाला बोर्ड की सहयोगी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय परियोजनाओं का परिचालन क्षेत्र है।

2.दस्तावेजों के साथ आवेदन प्राप्त होने पर, संबंधित अधिकारी समूह के पंजीकृत कार्यालय दौरा करेंगे और गतिविधि घटकों को सफलतापूर्वक देख लेने के लिए समूह की स्थिति उसके पास उपलब्ध सुविधा और व्यवस्था का मूल्यांकन करेंगे। पात्र आवेदन की संस्तुति संभागीय अधिकारी/क्षेत्रीय अधिकारी, जैसा भी मामला हो, को उसकी आगे की संवीक्षा करने और बोर्ड के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए समूह को अनुमति पत्र जारी करने के लिए की जाएगी। सिफारिश करने वाला अधिकारी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने और खरीद साबित करने वाले दस्तावेजों के संग्रह की व्यवस्था करेगा और भौतिक रूप से स्थापना को सत्यापित करेगा तथा उपकरण/उपस्कर और सहायता की मंजूरी के लिए पात्र मामले की सिफारिश करेगा।

समझौता ज्ञापन में निर्धारित नियमों और शर्तों के आधार पर आईटी समर्थन, जीएपी प्लॉट की स्थापना और घटक के तहत तकनीकी जनशक्ति के समर्थन पर अन्य सहायता प्रदान की जाएगी।
समूह के चयन और सहायता की मात्रा के लिए एक समूह में सदस्यों की संख्या एक निर्णायक कारक होगी।
उप-घटकों (1 से 4) को एक साथ अनुकरणीय समूहों में अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड के साथ और अकेले या बोर्ड द्वारा तय किए गए 2 घटकों को मिलाकर लागू किया जाएगा।
सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम
31 बागान श्रम कल्याण

छोटे और बड़े इलायची बागानों के श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा में सहायता करके और उनके लिए बेहतर काम करने की स्थिति प्रदान करना और उनकी सुविधाओं और प्रोत्साहनों में सुधार करना
क) पात्रता सिद्ध करने के लिए शैक्षणिक संस्था से संबंधित प्रमाण-पत्र

ख) आधार

ग) बैंक के विवरण

घ) विनिर्दिष्ट फॉर्मेट में आवेदन
1. एक शैक्षणिक सत्र के लिए भारत में मान्यता प्राप्त संस्थान/संगठन में नियमित पूर्णकालिक पाठ्यक्रम में अध्ययन करने के लिए ट्यूशन फीस और छात्रावास शुल्क , अधिकतम 25,000/- प्रति छात्र प्रति वर्ष (15,000/- रु. शिक्षण शुल्क और 10,000/- रु. छात्रावास शुल्क) के अध्यधीन।

2. मेरिट अवार्ड: एसएसएलसी या समकक्ष परीक्शा से लेकर पीजी और सर्टिफिकेट/ डिप्लोमा पाठ्यक्रम में न्यूनतम 60% से 80% अंक के साथ 1000/- रु. से 5000/- रु. तक की राशि।
1.केरल, तमिलनडु, कर्नाटक राज्य, सिक्किम, पश्चिम बंगाल के दार्जलिंग और कलिंगपोंग जिले तथा अन्य पूर्वोत्तर राज्य।

2.अभिहित अधिकारी दस्तावेजो का सत्यापन करेंगे और सहायता की सिफारिश करेंगे।
प्रस्तावित कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए एचआरडी
32 मसाला विस्तार प्रशिक्षुओं को नियोजित करना

कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में बोर्ड की सहायता करना और तकनीकी रूप से योग्य अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और अन्य श्रेणियों के तहत बेरोजगार युवाओं की रोजगार क्षमता में सुधार करना।
क) मूल योग्यता साबित करने के लिए डिग्री प्रमाण पत्र, अनुभव प्रमाण पत्र और अन्य योग्यता, यदि कोई हो, के प्रमाण पत्र

ख) आधार कार्ड

ग) अजा/अजजा श्रेणी सिद्ध करने के लिए प्रमाण-पत्र

घ) पासपोर्ट आकार का फोटोग्राफ
मसाला विस्तार प्रशिक्षु के रूप में दो साल की प्रशिक्षण अवधि के लिए प्रति कर्मचारी 20,000/- रुपये प्रति माह।

चयन अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग से न्यूनतम 70% और शेष सामान्य वर्ग से होगा।

उपरोक्त के अनुसार वजीफा और मानदंडों के अनुसार टीए/डीए प्रदान किया जाएगा।
1.भारत/संघ राज्यक्षेत्र में मसाला उत्पादकसभी राज्य और क्षेत्र।

2. चयन प्रक्रिया कोविड प्रोटोकॉल और मीडिया और बोर्ड की वेबसाइट के माध्यम से उम्मीदवारों की सोर्सिंग पर निर्भर करती है। चयन वॉक-इन-टेस्ट के माध्यम से होगा।

चयनित उम्मीदवारों को तकनीकी पहलुओं पर बोर्ड के नियमित अधिकारियों की सहायता करने और साथ ही साथ मसालों के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए मसाला विस्तार प्रशिक्षु के रूप में पैदावार, फसलोत्तर सुधार और निर्यात में प्रशिक्षण दिया जाएगा

चयनित उम्मीदवारों को मसाला बोर्ड के साथ एक करार करना होगा।

प्रशिक्षण अस्थायी और एक वर्ष की अवधि के लिए होगा जिसे प्रशिक्षु के प्रदर्शन के आधार पर एक और वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है और निर्धारित समझौता ज्ञापन में सहमति के अनुसार दो साल या उससे पहले पूरा होने पर यह प्रशिक्षण स्वचालित रूप से समाप्त हो जाएगा।
पुनःप्रारंभ किए गए उप-संघटक
33 सिलपौलिन शीटों की आपूर्ति (संख्या)

गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए मसालों की स्वास्थ्यकर रूप से सुखाई को अपनाने के लिए उत्पादकों को प्रेरित करना।
क) आवेदन प्रारूप

ख) चालू वर्ष की भूमि कर की रसीद/आरटीसी/चिट्ठा आदंगल/पर्चा/अनापत्ति प्रमाण-पत्र

ग) आधार कार्ड
50 % (सामान्य) और 75% (अजा/अजजा) अधिकतम 2000/- रु. (सामान्य) और 3000/- रु. (अजा/अजजा), औसत लागत प्रति शीट 4000/- रु. अनुमानित।
0.20 हे. से 8 हे. तक भूमि धारिता रखने वाले मसाला उत्पादक सहायता पाने के लिए पात्र हैं।
1. भारत में सभी मसाला उत्पादक राज्य और क्षेत्र।

2.मसाला बोर्ड केंद्रीकृत खरीद की व्यवस्था करेगा और गैर-सहायता प्राप्त हिस्से को एकत्रित करके और तत्पश्चात अनुमोदित आपूर्तिकर्ता को भुगतान करके उसकी आपूर्ति किसानों को करेगा।
नए उप-संघटक
34 फ्रेश-इट (अभिनव प्रौद्योगिकी के लिए मसाला धारिता में किसान का अनुसंधान और उद्यम)

मसाला किसानों को नवाचारों/उनके खेतों में सुधार लाने के लिए प्रेरित करना ताकि देश के मसाला कृषक समुदाय के लिए आशाजनक मसाला किस्में और किफायती दरों पर नई फसलोत्तर सुधार मशीनरी/उपकरण लाए जा सकें, जो मसालों के उत्पादन, उत्पादकता और गुणवत्ता में वृद्धि करेंगे।
क) आधार

ख) बैंक विवरण

ग) विनिर्दिष्ट प्ररूप में समझौता-ज्ञापन
अभिनवता की प्रगति/पूर्णता के आधार पर 3,75,000/- रुपये की दो किश्तों में प्रति अभिनवता अधिकतम 7,50,000/- रुपये के अध्यधीन दो चरणों में सहायतानुदान जैसाकि मसालों की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए किसान द्वारा विकसित नए क्लोनों/कृषिजोपजातियों/किस्मों/विकसित की गई मशीनों/फासलोत्तर सुधार उपकरणों द्वारा अभिनवता के मूल्यांकन के लिए गठित तकनीकी समिति द्वारा अनुशंसित अधिकतम नवाचार के अधीन अनुदान सहायता विकसित किए गए नए क्लोन/किस्मों/किस्मों और मशीनों/कटाई उपरांत सुधार उपकरणों के विकास में किसान द्वारा किए गए नवाचार का मूल्यांकन करना। 1.भारत में सभी मसाला उत्पादक राज्य और क्षेत्र

2.सचिव, मसाला बोर्ड तकनीकी समिति का गठन करेंगे जिसमें निदेशक (विकास), मसाला बोर्ड, समिति के अध्यक्ष होंगे और समिति में आईसीआरआई, आईसीएआर-आईआईएसआर से, कथित अभिनवता के राज्य के चिह्नित एसएयू और उत्पादन पहलुओं से संबंधित मसाला बोर्ड के संबंधित क्षेत्रीय अधिकारी सदस्य के रूप में शामिल होंगे तथा फसलोत्तर उपकरणों पर अभिनावाताओं के मूल्यांकन के लिए समिति के सदस्य पहले से ही गठित क्षेत्रीय मूल्यांकन समितियों के सदस्य होंगे।

मसाला बोर्ड के साथ किए गए समझौता-ज्ञापन के आधार पर सहायता दी जाएगी। बोर्ड के संबंधित अधिकारी, जिन्होंने नवाचार की पहचान की है, निदेशक (विकास) द्वारा नामित अधिकारियों के एक दल द्वारा प्रारंभिक जांच के लिए मामले को उचित माध्यम से निदेशक (विकास) को अग्रेषित करेंगे और योग्य मामलों को तकनीकी समिति को विचार और मूल्यांकन के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
35 मसालों का आधारभूत गुणवता परीक्षण

विभिन्न अनुसंधान एवं विकास संस्थानों/एसएयू/ उद्यमियों के परामर्श से यह पाया गया है कि कुछ समूहों/संस्थानों द्वारा तत्काल आधारभूत गुणवत्ता परीक्षण जैसे नमी के अंश, हल्दी में करक्यूमिन के अंश आदि के उपकरण विकसित किए जा रहे हैं और उनका उपयोग किया जा रहा है। इसलिए किसानों द्वारा व्यापार के लिए लाए गए मसाला उत्पादों की आधारभूत गुणवत्ता के बारे में जागरूकता हासिल करने के लिए, जिससे कीमतों के बारे में मोलभाव करने के लिए किसानों का विश्वास बढ़ेगा और उपज की गुणवत्ता में सुधार होगा और उसे बनाए रखने के उनके प्रयासों के लिए आनुपातिक हिस्सा प्राप्त करने के लिए ये उपकरण उपयोगी सिद्ध होंगे, जिसका अर्थ यह है कि ये ऐसे उपकरण हैं जो क्षेत्र स्तर पर आवश्यक है।
एएमसी/एपीएमसी यार्डों में बुनियादी गुणवत्ता परीक्षण के लिए लागत का 50% जो अधिकतम 10.00 लाख रु. के अध्यधीन है और मसाला उत्पादक समूहों के लिए 75%, जो अधिकतम 15.00 लाख रु. के अध्यधीन है।
मसाला व्यापार केंद्रों के लिए पात्रता विधिक रूप से मौजूदा मसाला उत्पादन या मसाला संचालन या मसाला व्यापार समूहों के लिए होगी।
मसाला बोर्ड के साथ समझौता ज्ञापन के आधार पर सहायता दी जाएगी।
1.भारत में सभी मसाला उत्पादक राज्य और क्षेत्र

2. भारत में सभी मसाला उत्पादक राज्य और क्षेत्र अधिमानत: ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) और एमओसी के एईपी के तहत मसालों के समूह और मसाला बोर्ड की सहयोगी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं के परिचालन क्षेत्र।

3. दस्तावेजों के साथ आवेदन प्राप्त होने पर, संबंधित अधिकारी एएमसी/एपीएमसी/समूह के पंजीकृत कार्यालय का दौरा करेंगे तथा गतिविधि घटक को सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए समूह के पास उपलब्ध स्थिति, सुविधा और व्यवस्थाओं का मूल्यांकन करेंगे। पात्र आवेदन की सिफारिश मंडल अधिकारी/क्षेत्रीय अधिकारी, जैसा भी मामला हो, को आगे की जांच करने और बोर्ड के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए अनुमति पत्र जारी करने के लिए की जाएगी। अनुशंसा अधिकारी समझौता ज्ञापन और खरीद को सिद्ध करने वाले दस्तावेजों का संग्रहण करेगा और उपकरण/उपस्कर की भौतिक रूप से की स्थापना को सत्यापित करेगा तथा सहायता की मंजूरी के लिए पात्र मामले की सिफारिश करेगा।

एएमसी/एपीएमसी/समूह को आपूर्ति करने वाली फर्म के साथ उपकरण के वार्षिक रखरखाव, डिवाइस के संचालन के लिए मानव शक्ति के प्रशिक्षण और किसी भी सॉफ्टवेयर शुल्क के संग्रह आदि पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने की आवश्यकता होगी, जिसे मामले की अनुशंसा करने से पहले बोर्ड के संबंधित अधिकारियों द्वारा सुनिश्चित किया जाना है।

36 छोटे इलाइची उत्पादकों के लिए मौसम आधारित बीमा योजना

छोटी इलायची उत्पादकों को प्रतिकूल मौसम की घटनाओं जैसे कम या अधिक वर्षा, गर्मी (तापमान), सापेक्ष आर्द्रता, आदि से सुरक्षित रखना जिन्हें उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला माना जाता है।
क) भूमि के स्वामित्व अथवा विधिक कब्जे के दस्तावेज अर्थात पट्टा

ख) वर्तमान वर्ष के भूमि कर रसीद

ग) सीआर/एसीआर

घ) आधार कार्ड

ड.) बैंक पास बुक की प्रति
भारत सरकार द्वारा प्रीमियम का 75%, राज्य सरकार द्वारा 15% और लाभार्थी द्वारा 10% भाग अदा किया जाएगा। बोर्ड का भाग 16,040 रुपये प्रति हेक्टेयर (जीएसटी सहित) होगा।
पंजीकृत इलायची उत्पादक जिनकी भूमि का आकार 0.10 हेक्टेयर से 8 हेक्टेयर है।
किसी लाभार्थी के लिए यह सहायता वर्ष 2021-26 से पांच वर्ष के ब्लॉक वर्ष में केवल लगातार 3 वर्षों के लिए उपलब्ध होगी।
1.केरल के इडुक्की जिले में प्रायोगिक आधार पर।

2. यदि राज्य सरकार 10% का प्रीमियम साझा नहीं कर रहा है, तो इसकी भरपाई लाभार्थियों द्वारा अपने हिस्से के प्रीमियम को 25% बनाकर की जानी है।

बोर्ड के साथ-साथ लाभार्थी किसान प्रीमियम के अपने हिस्से का भुगतान सीधे बीमा कंपनी को करेंगे।
बीमा की अवधि तालिका आवेदन के समय बीमा कंपनी द्वारा प्रदान की जाएगी।
बीमा कंपनी और लाभार्थी के बीच दावों का निपटारा किया जाएगा और इस तरह के मुद्दों के संबंध में मसाला बोर्ड की कोई की प्रत्यक्ष संलिप्तता नहीं होगी।