ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद योजना)
एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) एक पहल है जिसे किसी जिले की वास्तविक क्षमता को समझने, आर्थिक विकास को बढ़ाने एवं रोज़गार एवं ग्रामीण उद्यमिता उत्पन्न करने की ओर एक परिवर्तनकारी कदम के रूप में देखा जाता है जो हमें आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य तक ले जाता है। एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) पहल डीजीएपटी, वाणिज्य विभाग द्वारा कार्यान्वित की जा रही ‘निर्यात हब के रूप में जिले’ पहल के साथ विलय कर दिया गया है जिसमें उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) एक प्रमुख पणधारी के रूप में है।
एक जिला एक उत्पाद पहल को बढ़ावा देने के लिए वाणिज्य विभाग डीजीएफटी द्वारा राज्य एवं केंद्र सरकार अभिकरणों के साथ जुड़ रहा है। इस का मुख्य लक्ष्य देश का हर एक जिले को जिले के निर्यात क्षमता के साथ उत्पादों को पहचानके, इन उत्पादों के निर्यात की बाधाओं को दूर करके, स्थानीय निर्यातक/विनिर्माताओं को विनिर्माण बढ़ाने में समर्थन करके एवं निर्यात को बझ़ावा देने के लक्ष्य से भारत के बाहर से सक्षम क्रेताओं को ढूंढ़के, जिले में विनिर्माण एवं सेवा उद्योग को बढ़ावा देके और जिले में रोज़गार उत्पन्न करके निर्यात हब के रूप में परिवर्तित करना है।
निर्यात बढ़ाने एवं निर्यात संवर्धन को जिले के स्तर पर लेने के लिए वाणिज्य विभाग निर्यात हब के रूप में अपनी क्षमता प्राप्त करने के लिएदेश के हर एक जिलों की क्षमता को गतिमान करने के लक्ष्य से देश के सभी जिलों मेंं उक्त पहल को चरणबद्ध तरीके से कार्यान्वित करने के लिए विदेश व्यापार महानिदेशक के माध्यम से राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकारों से जुड़ रहा है। ओडीओपी कार्यक्रम के प्रारंभिक चरण के तहत, 27 राज्यों के 103 जिलों से 106 उत्पादों को पहचाने गए हैं। हाल में, अर्थात् 4 जनवरी 2021 को एमओएफपीआई ने जिलों एवं उत्पादों की सूची में संशोधन किया है (पीएमएफएमई योजना के तहत 650 जिले एवं 34 राज्य)। 650 जिलों में से 107 जिले मसालों के तहत कवर किए गए हैं।
संलग्नक
34 राज्यों एवं संघ राज्य क्षेत्रों के लिए ओडीओपी की सूची
मसालों से पृथक्कृत जिलों की सूची