GST provisional registration details of Spices Board New Feature : Click here for Auction Report मसाला: छोटी इलायची, नीलाम की तारीख: 05-Dec-2019, नीलामकर्ता: Cardamom Planters' Association, Santhanpara, लोटों की संख्या: 94, आवक की मात्रा(कि.ग्रा.): 15129.8, बिकी मात्रा (कि.ग्रा.): 13258, अधिकतम मूल्य (रु./कि.ग्रा.): 2996.00, औसत मूल्य (रु./कि.ग्रा.): 2796.47 मसाला: छोटी इलायची, नीलाम की तारीख: 05-Dec-2019, नीलामकर्ता: The Cardamom Processing & Marketing Co-Operative Society Ltd, Kumily, लोटों की संख्या: 278 , आवक की मात्रा(कि.ग्रा.): 66537.5, बिकी मात्रा (कि.ग्रा.): 64395.7, अधिकतम मूल्य (रु./कि.ग्रा.): 3168.00, औसत मूल्य (रु./कि.ग्रा.): 2834.62 Spice: Large Cardamom, Date: 05-Dec-2019, Market: Singtam, Type: Badadana, Price (Rs./Kg): 438, Spice: Large Cardamom, Date: 05-Dec-2019, Market: Singtam, Type: Chotadana, Price (Rs./Kg): 400, Spice: Large Cardamom, Date: 05-Dec-2019, Market: Gangtok, Type: Badadana, Price (Rs./Kg): 450, Spice: Large Cardamom, Date: 05-Dec-2019, Market: Gangtok, Type: Chotadana, Price (Rs./Kg): 400, Spice: Large Cardamom, Date: 05-Dec-2019, Market: Siliguri, Type: Badadana, Price (Rs./Kg): 520, Spice: Large Cardamom, Date: 05-Dec-2019, Market: Siliguri, Type: Chotadana, Price (Rs./Kg): 407,
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पूर्वोत्तर राज्य

अंतिम अद्यतन 07-06-2016, 14:08

पूर्वोत्तर राज्य

घटक

उद्देश्य और सहायता का पैमाना

नया रोपण

कार्यक्रम का उद्देश्य उत्पादकों को बागानों में नया रोपण आरंभ करने के लिए प्रोत्साहित करना है। बड़ी इलायची के 8 हेक्टेयर तक के मालिक उत्पादकों के लिए पक्वनावधि के दौरान पुनःरोपण और रखरखाव की लागत के लिए प्रति हेक्टेयर 28000/- रुपये प्रदान की जाते हैं। यह अनुदान 4 हेक्टेयर में नए रोपण के लिए सीमित है। निरीक्षण के बाद दो बराबर वार्षिक किस्तों में अनुदान का भुगतान किया जाता है। [सरकार के अनुमोदन के अधीन]

प्रमाणित नर्सरी के माध्यम से रोपण सामग्रियों का उत्पादन

उत्पादकों को गुणवत्ता युक्त रोपण सामग्री उपलब्ध कराने के लिए, बोर्ड किसानों के खेत में पौध नर्सरी की स्थापना के लिए प्रति अंतर्भूस्तरी 2 रुपये की दर से सहायता देता है।

वर्षा जल का संग्रहण - उत्तरपूर्वी

 

उत्तरपूर्वी राज्यों में बड़ी इलायची के लिए ज़मीन में खोदे गए सिलपोलिन शीट से आस्तरित गड्ढों से बने उपायों का उपयोग कर वर्षा के जल के संचयन के लिए कार्यक्रम लागू किया गया है। नियम और शर्तों और 12000/- रुपये की अधिकतम सीमा तक प्रति उपकरण वास्तविक लागत का 33.33% अनुदान प्रदान किया जाता है।

उपचार गृह (संशोधित भट्टी)

 

बड़ी इलायची के उत्पादक अपनी इलायची का उपचार परंपरागत रूप से स्थानीय स्तर पर निर्मित भट्टियों में प्रत्यक्ष तापन के द्वारा करते हैं। इस विधि से सूखाए गए (इलायची के फल) कैप्सूल धुएं की गंध के साथ काले रंग के होते हैं। आईसीआरआई-गंगटोक ने संशोधित भट्टी शुरू करने के द्वारा इलायची के लिए वैज्ञानिक उपचार की एक प्रौद्योगिकी विकसित की, जिसमें इलायची को सुखाने के लिए परोक्ष तापन का उपयोग किया जाता है,जिससे सुखाई गई बड़ी इलायची की संपुटिकाओं में उनका गुलाबी [लाल रंग] रंग और प्राकृतिक स्वाद बना रहता है। इस पद्धति को लोकप्रिय बनाने के लिए बोर्ड लागत की 33.33% के लिए क्रमशः 200 किलो तक की क्षमता की भट्टी के निर्माण के लिए 9,000 /- रुपये की दर से और 400 किलोग्राम तक की क्षमता की भट्टी के निर्माण के लिए 12500 / -रुपये की इमदाद प्रदान करता है।

सिंचाई की संरचनाओं का निर्माण

इस कार्यक्रम का उद्देश्य इलायची के बागानों में जल संसाधनों का विकास करना है, जिससे उत्पादकों को गर्मियों में अपने बागानों की सिंचाई करने में मदद मिलेगी। सिंचाई उपकरणों के निर्माण के लिए वास्तविक निर्माण की लागत के 50% या 20,000/- रुपये, जो भी कम हो, की आर्थिक सहायता दी जाती है।

सिंचाई उपकरणों की स्थापना

बोर्ड बड़ी इलायची के किसानों के लिए 50% अनुदान पर सिंचाई उपकरणों को स्थापित करने में अधिकतम 10,000/- रु. तक की इमदाद प्रदान करेगा।

यंत्रीकरण

 

गड्ढे खोदने, छिड़काव यंत्र, कृषि उपकरण, ग्रेडिंग चलनी जैसे उपकरणों की खरीद के लिए उपकरण की वास्तविक लागत के 50% की दर से सहायता राशि प्रदान की जाएगी।

 

उपकरण का प्रकार

सहायता का पैमाना

गड्ढे खोदने का यंत्र

कीमत का 50% या 1500/- रुपये, जो भी कम हो

पीपी उपकरण

कीमत का 50% या 2000/- रुपये, जो भी कम हो

कृषि औजार

कीमत का 50% या 500/- रुपये, जो भी कम हो

ग्रेडिंग सीव्स

कीमत का 50% या 1000/- रुपये, जो भी कम हो

लकदोंग हल्दी की खेती

 

लकदोंग / मेघा हल्दी में उच्च करक्यूमिन सामग्री होती है और इसलिए यह रंग निकालने के लिए उपयुक्त है। यह किस्म अत्यधिक स्थान विशिष्ट है और रंग निकालने के लिए निर्यातकों द्वारा इसे बहुत पसंद किया जाता है। गुणवत्ता युक्त रोपण सामग्री की उपलब्धता इसके उत्पादन को सीमित करने का एक प्रमुख कारक है। इसलिए कार्यक्रम के अंतर्गत रोपण सामग्री की लागत का 50% बतौर प्रति हेक्टेयर 18750 /- रुपये की आर्थिक इमदाद उपलब्ध है।

उत्तरपूर्वी अदरक की खेती

 

नादिया और चाइना जैसी अदरक किस्मों में उच्च तेल सामग्री होती है, इसलिए ये निर्यात के लिए उपयुक्त हैं। उत्तरपूर्वी राज्यों, इन किस्मों के जैविक उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए रोपण सामग्री की लागत के 50% के लिए प्रति हेक्टेयर 18,750 / - रुपये की इमदाद प्रदान की जाती है।

उत्तरपूर्वी राज्यों के अधिकारियों और किसानों को प्रशिक्षण

बोर्ड खेती, फसल और मसालों के फसलोत्तर तकनीक के क्षेत्रों में हाल की उन्नति पर उत्तरपूर्वी राज्यों के राज्य कृषि/बागवानी विभागों के अधिकारियों तथा उत्पादकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम की व्यवस्था करता है। अधिकारियों के लिए हर दूसरे वर्ष और किसानों के लिए हर साल प्रशिक्षण की व्यवस्था की है।

संचालन की विधि/काम करने का तरीका

इच्छुक उत्पादकों को निम्नलिखित दस्तावेजों के साथ मसाला बोर्ड के निकटतम कार्यालय को निर्धारित प्रारूप में आवेदन प्रस्तुत करना होगा:-

  • पर्चे की प्रति

  • सर्वेक्षण योजना/पुनःरोपण के लिए स्वयं अनुप्रमाणित नक्शा / निर्माण के लिए योजना और अनुमान/ मशीनों की खरीद के मामलों में कोटेशन

  • मतदाता पहचान पत्र की प्रतिलिपि/आधार कार्ड/पासपोर्ट की प्रति

  • बैंक के पास बुक की प्रतिलिपि

  • अगर भूमि लाभार्थी के नाम पर नहीं है तो पंचायतों से अनापत्ति प्रमाण पत्र।

  • कोई भी अन्य दस्तावेज जिसे संबंधित अधिकारी द्वारा आवेदक/लाभार्थी द्वारा भूमि के कब्जे को सुनिश्चित करने के लिए सत्यापित करना आवश्यक समझा जाए।

मसाला बोर्ड के पदाधिकारी प्रत्येक आवेदन की जांच करेंगे और क्षेत्र कार्यालय के ऑटोमेशन सॉफ्टवेयर के माध्यम से मंजूरी के लिए के उपयुक्त अनुदान के लिए आंचलिक सहायक निदेशक/उप निदेशक प्रादेशिक कार्यालय से सिफारिश करेंगे। स्वीकृत मामलों को मुख्यालय भेजा जाएगा और इमदाद ई-भुगतान के माध्यम से सीधे लाभार्थी के खाते (कोर बैंकिंग) में जमा की जाएगी। आंचलिक सहायक निदेशक/ प्रादेशिक उप निदेशक यादृच्छिक रूप से सिफारिश किए गए मामलों की जांच करेंगे।