एन एस एस पी
राष्ट्रीय सतत मसाला कार्यक्रम
स्पाइसेस बोर्ड, विश्व मसाला संगठन (डब्ल्यू एस ओ), अखिल भारतीय मसाला निर्यातक फोरम (ए आई एस ई एफ) एवं आई डी एच (जो स्थायी व्यापार पहल का समर्थन करता है), जी आई ज़ेड, जर्मनी (जो जैव विविधता पर काम करता है) के साथ संयुक्त रूप से "राष्ट्रीय सतत मसाला नेटवर्किंग कार्यक्रम" शीर्षक वाली परियोजना का कार्यान्वयन कर रहा है।
परियोजना का मुख्य उद्देश्य खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना, अनुरेखणीयता की क्षमता लाना एवं मसाला क्षेत्र में जैव विविधता पर उचित विचार के साथ स्थिरता प्राप्त करना, निर्यात माँगवाले मसालों से संबंधित गुणवत्ता मुद्दों को संबोधित करना एवं निर्यात एवं निर्यात वृद्धि को बनाए रखना है।
इस क्षेत्र से मसालों के उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्रारंभ में पाँच मसालों, मिर्च, कालीमिर्च, हल्दी, जीरा एवं छोटी इलायची एवं इस क्षेत्र के मसालों के उत्पादन और उत्तरपूर्वी क्षेत्रों में उत्पादित मसालों, की पहचान की गईं हैं। मसालों के स्थायी उत्पादन, प्रसंस्करण, विपणन और निर्यात के लिए सरकार, किसान समूह, कृषि क्षेत्र के साथ काम करने वाले एफपीओ, कृषि अनुसंधान संगठनों, प्रोसेसर, व्यापारियों, निर्यातकों, विश्वविद्यालयों और वित्तीय संस्थानों का प्रतिनिधित्व करने वाले पणधारियों के एक नेटवर्क को एक साथ लाया जा रहा है। यह, आपूर्ति श्रृखला के कार्यक्रमों का प्रभावी कार्यान्वयन और विभिन्न अभिकरणों द्वारा कार्यान्वित कार्यक्रमों का अभिसरण सुनिश्चित करेगा।
डबलयु एस ओ, आई डी एच और जी आई ज़ेड इस परियोजना / कार्यक्रम से संबंधित गतिविधियों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है। स्पाइसेस बोर्ड तकनीकी भागीदार है और अपना कार्यालय नेटवर्क के माध्यम से मसाला खेती करने वाले क्षेत्रों में कार्यक्रमों द्वारा अवधारण किए गतिविधियों को समन्वित करने में अपना समर्थन प्रदान करता है।