छोटी इलायची
छोटी इलायची
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आयातक देशों की गुणवत्ता मानकों के अनुसार इलायची का निर्यात योग्य अधिशेष उत्पादन करना है। इसलिए कार्यक्रमों को निर्यात के लिए उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि, स्थिरता और गुणवत्ता में सुधार के लिए तैयार किया गया है।
इस योजना के कार्यान्वयन का विवरण इस प्रकार हैः
घटक | उद्देश्य एवं सहायता का पैमाना | ||||||||||||||
रोपण सामग्री का उत्पादन | इलायची की उत्पादकता में सुधार के लिए पुनःरोपण/ पुनर्युवन के लिए उन्नत किस्मों/उपज की अच्छी गुणवत्ता की रोपण सामग्री की उपलब्धता महत्वपूर्ण है। पुनःरोपण की सुविधा के लिए अधिक उपज देने वाली और रोगमुक्त रोपण सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। अनुदान रुपये की दर से- उत्पादकों को कर्नाटक में प्रति अंतर्भूस्तरी 2/- रुपये और अधिकतम 10,000 अंतर्भूस्तरियों के लिए पादप तथा केरल और तमिलनाडु में 2.50 रुपये प्रति अंतर्भूस्तरी के अनुदान की पेशकश की गई है। | ||||||||||||||
पुनःरोपण | पुराने और जीर्ण बागान की इलायची में कम उत्पादकता का मुख्य कारण है। कार्यक्रम, का उद्देश्य पुराने, रोगग्रस्त और अलाभकर बागानों का पुनःरोपण करना है। 0-8 हेक्टेयर के लिए: केरल और तमिलनाडु में 70000/- रुपये प्रति हेक्टेयर और कर्नाटक में वास्तविक लागत के 33.33% बतौर 50,000/- रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान के रूप में दिया जाता है। अनुदान का भुगतान निरीक्षण के बाद दो बराबर की वार्षिक किस्तों में किया जाता है। | ||||||||||||||
इलायची के सुधरे उपचार उपाय | पारंपरिक उपचार का परिणाम कम गुणवत्ता के उत्पादन में होने के कारण, बोर्ड, ईंधन अर्थात डीजल, एल.पी. गैस और बायोमॉस से ऊर्जा का उपयोग कर मशीनों से उपचार को लोकप्रिय बना रहा है, जो इलायची को बेहतर रंग और लागत प्रभावी सुखाना प्रदान करता है, तथा उल्लेखनीय मूल्य भी लाता है। अनुदान: वास्तविक लागत का 33.33% प्रति उपाय / 1, 00,000 रुपये की अधिकतम राशि तक। | ||||||||||||||
सिंचाई और भूमि विकास कार्यक्रम
| गर्मियों के महीनों के दौरान यानी फरवरी से मई तक गंभीर सूखा, पुष्पगुच्छ के गठन और इसकी वजह से उत्पादकता को प्रभावित करेगा। यह कार्यक्रम गर्मी के महीनों में इलायची के रोपण के लिए आवश्यक सिंचाई और मिट्टी का संरक्षण प्रदान करने में मदद करता है।
अनुदानः नीचे दिए अनुसार गतिविधि घटक के आधार पर लागत के 25 से 50%:
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जी ए पी किटों की आपूर्ति | इलायची में कीटों व रोगों के होने से रोकने हेतु गहन देखरेख एवं निरंतर ध्यान देने की आवश्यकता है। जागरूगता के अभाव से नाशकजीवनाशियों का अंधाधुंध प्रयोग अंतयोत्पाद में नाशीजीवनाशी अवशेष में परिणत हुआ है। बोर्ड ने इसलिए इलायची में रोगनिरोधी/नियंत्रण उपायों हेतु किसानों को जैव एवजों/पोषकों की आपूर्ति की है। किसानों ओ, जैव सामग्रियों और कॉपर सल्फेट की आपूर्ति 50% इमदाद पर की जाएगी, बशर्तेकि अधिकतम 2500/- रुपए प्रति हेक्टयर हो। | ||||||||||||||
मधुमक्खी पालन के बक्से की आपूर्ति | मधुमक्खियां इलायची के फूलों के परागण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इलायची के बागान में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के द्वारा, उत्पादकता बढ़ाई जा सकती है और यह किसानों को एक अतिरिक्त आय भी प्रदान करेगा। बोर्ड 50% इमदाद पर प्रति हेक्टेयर मधुमक्खी के पांच बक्सों की आपूर्ति के लिए प्रति बॉक्स/1880/- रुपये की सीमा तक सहायता प्रदान कर रहा है। | ||||||||||||||
मशीनीकरन
| इलायची में प्रति हेक्टेयर खेती की लागत का लगभग 68% श्रम पर खर्च होता है। समय पर श्रम की अनुपलब्धता पौध के नुकसान के साथ-साथ फसल हानि दोनों के द्वारा इलायची के क्षेत्र को अपंग कर देता है। मशीनीकरण आरंभ करना सबसे अच्छी पहल है, जिससे श्रम की लागत और इसके फलस्वरूप कुल उत्पादन लागत को नीचे लाया जा सकता है। गड्ढे बनाने, निराई, पौध संरक्षण आदि जैसी कृषि प्रथाओं, जिनके लिए समय पर श्रम की आवश्यकता होती है, मशीनीकरण आवश्यक है। कटी हुई उपज की सफाई, इसकी ग्रेडिंग और चमकाने की वजह से किसान को अधिक मूल्य प्राप्त होता है । समय पर कृषि कार्यों के चलाने और उत्पादन लागत कम करने में मदद करने के लिए बोर्ड किसानों को पिट मेकरों, वीड कटरों, पौध संरक्षण उपकरणों, धुलाई उपकरणों, ग्रेडर/सीव्स और पॉलिशरों को खरीदने के लिए निम्नलिखित अनुसार वास्तविक कीमत के 50% की इमदाद देता है :-
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संचालन की विधि/काम करने का तरीका
इच्छुक उत्पादकों को निम्नलिखित दस्तावेजों के साथ मसाला बोर्ड के निकटतम कार्यालय को निर्धारित प्रारूप में आवेदन प्रस्तुत करना होगा।
वर्तमान वर्ष के कर की रसीद/ चिट्टा अड़ांगल / आरटीसी
सीआर/एसीआर /सीआरसी पृष्ठांकन
पहचान का प्रमाण (मतदाता पहचान पत्र)
बैंक के पास बुक की प्रतिलिपि
पुनःरोपण के लिए वीओ/पंजीकृत सर्वेक्षक द्वारा जारी की गई सर्वेक्षण योजना और निर्माण के लिए प्लान व अनुमान/मशीनों की खरीद के मामलों में कोटेशन
मसाला बोर्ड के पदाधिकारी प्रत्येक आवेदन की जांच करेंगे और क्षेत्र कार्यालय के ऑटोमेशन सॉफ्टवेयर के माध्यम से मंजूरी के उपयुक्त इमदाद के लिए क्षेत्र सहायक निदेशक/उप निदेशक से सिफारिश करेंगे। स्वीकृत मामलों को मुख्यालय भेजा जाएगा और इमदाद ई-भुगतान के माध्यम से सीधे लाभार्थी के खाते (कोर बैंकिंग) में जमा की जाएगी। आंचलिक सहायक निदेशक/प्रादेशिक उप निदेशक यादृच्छिक रूप से सिफारिश किए गए मामलों की जांच करेंगे।