सचिव महोदय का संदेश
पृथ्वी पर मानव जीवन का प्राचीन काल से ही मसालों से बहुत घनिष्ठ संबंध रहा है। मसालों ने सामाजिक-आर्थिक, औषधीय, सांस्कृतिक और धार्मिक प्रकटीकरण को प्रभावित किया और आधुनिक सभ्यता के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत, अपनी अनुकूल कृषि-जलवायु परिस्थितियों के साथ, अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आईएसओ) द्वारा सूचीबद्ध 109 मसालों में से 75 का उत्पादन करता है। सालाना 10.5 मिलियन टन से अधिक मसालों के उत्पादन और प्रसंस्करण तथा मूल्यवर्धन के अग्रणी होने के साथ, भारतीय मसाला उद्योग, वैश्विक मसाला बाजार के औद्योगिक और खुदरा खंड को स्वच्छ, सुरक्षित और मूल्य वर्धित मसालों और मसाला उत्पाद प्रदान करनेवाले प्रमुख आपूर्तिकर्ता के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए आगे बढ़ रहा है। भारतीय मसाले आयातक देशों की गुणवत्ता और खाद्य सुरक्षा मानकों के अनुरूप हैं और उत्पादन, प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन में अच्छी प्रथाओं का पालन करते हैं।
मजबूत घरेलू मांग के कारण, कुल मसाला उत्पादन का केवल 15 प्रतिशत निर्यात किया जाता है और यह 180 से अधिक देशों की अपेक्षाओं की पूर्ति करता है। मूल्य वर्धित मसाला उत्पादों का कुल निर्यात मात्रा में 51 प्रतिशत हिस्सा है, जो प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन के लिए हमारी क्षमता और ढांचागत सुविधाओं की पुष्टि करता है। पिछले साढ़े तीन दशकों में, भारतीय मसालों के निर्यात का मूल्य 300 करोड़ रुपये (1987-1988) से बढ़कर 30,000 करोड़ रुपये (2020-2021) हो गया है।
कोविड-19 महामारी के कारण चुनौतियों को कम करते हुए, इतिहास में पहली बार, भारत से मसालों का निर्यात 2020-2021 में चार बिलियन डॉलर का आंकड़ा पार कर गया। डीजीसीआई व एस (DGCI&S) के अनुसार, 2020-21 के दौरान मसालों और मसाला उत्पादों का निर्यात 17,58,985 टन रहा है, जिसका मूल्य 30,973.32 करोड़ रुपये (4178.81 मिलियन अमरीकी डॉलर) है।
स्पाइसेस बोर्ड, भारतीय मसालों के विश्वव्यापी प्रचार के लिए वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अधीन कार्यरत एक प्रमुख संगठन है जो भारतीय मसाला उद्योग को और उत्कृष्टता के लिए अपने सभी प्रयासों में समर्थन और सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है। स्पाइसेस बोर्ड की गतिविधियों के लिए निर्यात विकास और संवर्धन, मूल्यवर्धन और गुणवत्ता सुधार के प्रमुख क्षेत्र बने रहेंगे । बोर्ड मसाला उत्पादन की गुणवत्ता बढ़ाने और निर्यात के लिए मसालों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नियामक उपायों को लागू करने हेतु कई सहयोगी परियोजनाओं को लागू कर रहा है ताकि भारतीय मसाला उद्योग को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया जा सके। बोर्ड उत्पादन, कटाई के बाद के प्रबंधन, प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन की विश्व स्तर पर स्वीकृत प्रथाओं को बढ़ावा देता है।
विश्व व्यापार संगठन और संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के तहत मानक तथा व्यापार विकास सुविधा (एसटीडीएफ) के सहयोग से 'भारत में मसाला मूल्य श्रृंखला को मजबूत करना और क्षमता निर्माण और अभिनव हस्तक्षेप के माध्यम से बाजार पहुंच में सुधार' परियोजना का उद्देश्य भारत से विदेशी बाजारों में सुरक्षित और उच्च गुणवत्ता वाले मसालों का निर्यात बढ़ाना है। खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, ट्रेसबिलिटी लाने और मसाला क्षेत्र में जैव विविधता के लिए उचित चिंता के साथ स्थिरता प्राप्त करने के लिए विश्व मसाला संगठन (डब्ल्यूएसओ), अखिल भारतीय मसाला निर्यातक फोरम (एआईएसईएफ), आदि के सहयोग से 'राष्ट्रीय टिकाऊ मसाला नेटवर्किंग कार्यक्रम' लागू किया जा रहा है। बोर्ड ने व्यापार में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए भारतीय मसालों के लिए ब्लॉकचेन आधारित ट्रैसेबिलिटी इंटरफेस बनाने हेतु यूएनडीपी इंडिया की एक्सेलेरेटर लैब के साथ भी हाथ मिलाया है।
स्पाइसेस बोर्ड तेजी से विकसित हो रहे वैश्विक बाजार के रुझानों के साथ भारतीय मसाला उद्योग के पणधारियों का समर्थन करता रहा है। कम लागत वाले उत्पादकों से कड़ी प्रतिस्पर्धा और प्रमुख आयातक देशों द्वारा निर्धारित बढ़ती कड़ी गुणवत्ता और खाद्य सुरक्षा मानकों को पूरा करने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, बोर्ड ने आयातक देशों की खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता अपेक्षाओं के अनुपालन में निर्यातोन्मुख उत्पादन पर अधिक महत्व देते हुए, अपनी योजनाओं और कार्यक्रमों को नए सामान्य में बाजार के रुझान और अपेक्षाओं के अनुरूप संशोधित किया है ।
दुनिया में मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक होने के बावजूद, भारत में अभी भी उत्पादन, मूल्य-संवर्धन और निर्यात मोर्चों में और वृद्धि और विस्तार की काफी अधिक गुंजाइश एवं संभावनाएं हैं। बुनियादी ढांचे पर निवेश पर ध्यान केंद्रित करना, गुणवत्तापूर्ण उत्पादन के लिए क्षमता निर्माण, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना और ट्रेसबिलिटी की क्षमता का प्रदर्शन भारतीय मसाला उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है। वैश्विक बाजारों में भारतीय मसालों की उत्पादकता और क्षमता बढ़ाने के लिए समन्वित और सहयोगात्मक प्रयासों की आवश्यकता है। भारतीय मसाला उद्योग के पणधारियों से मेरी अपील है, न केवल मसालों के उत्पादन और निर्यात में भारत के नेतृत्व को बनाए रखने के लिए, बल्कि एफ एंड बी खंड, स्वास्थ्य, पोषण, सेहत आदि केलिए उपायुक्त मसालों के वैज्ञानिक रूप से मान्य नए अनुप्रयोगों को पेश करने में वैश्विक मसाला उद्योग को उत्कृष्टता और नेतृत्व करने के लिए, स्पाइसेस बोर्ड के साथ मिलकर काम करें।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ,
श्री डी. सत्यन भा. व. से.
सचिव, स्पाइसेस बोर्ड