हॉर्स रैडिश
हॉर्स रैडिश
वानस्पतिक नाम
अरमोरेसिया रस्टिकानापरिवार
ब्रैसिकेसीवाणिज्यिक अंग
प्रकन्दविवरण
होर्स रैडिश बडे पत्तोंवाला, एक चिरस्थाई कठोर शाक है जो अपने तीक्ष्ण मूल केलिए बढाया जाता है, जिसमें कडी तीखी सुगंध एवं तीखा चुभता हुआ स्वादवाला तेल शामिल है। फूलने पर यह पौधा 0.6 से 0.9 मीटर की ऊँचाई हासिल करता है। पार्श्व मूलों के टुकडों को लगाकर इसका प्रजनन किया जाता है। ये जडें पूरी तरह ज़मीन के नीचे एक मीटर लंबाई में बढती है। पौधे को सबसे ऊपर बडे पैडल-आकार के पत्तों तथा फूलों का गुच्छा रहता है। इसमें बीज बहुत विरले ही बनते है। मधुर शहदनुमा गन्धवाले सफेद फूल वसंत के अन्तिम दिनों में अंतस्थ पुष्पगुच्छों में खिलते हैं। होर्स रैडिश दो प्रकार के पाए जाते हैं-बडे व्यांकुचित पत्तों तथा उच्च गुणवत्ता वाली जडों का 'कॉमन टाइप' और संकीर्ण पत्तों व कम गुएावत्तावाली जडों का 'बोहीमियन टाइप' । इसकी मूल जड गांठदार और स्तूपाकार (30 से.मी. लंबी और 18 मि.मी. व्यास) है।
व्युत्पत्ति और प्रसारण
होर्स रैडिश पूर्वी यूरोप के कच्छी जिलों, दक्षिणी रूस तथा पूर्वी उक्रेन के देशज है लेकिन उत्तरी अमरीका तथा न्यू-ज़ीलैण्ड में सामान्य बन गया है। भारत में यह कुछ हद तक उत्तर भारत के बागानों व दक्षिण भारत के पर्वतीय इलाकों में बढते पाए जाते हैं।
उपयोग
होर्स रैडिश का प्रयोग क्षुधावर्ध्दक मसाले के रूप में किया जाता है । इसमें मौजूद उच्च विटामिन 'सी' घटक इसको पाचक और स्कर्बीरोधी गुण प्रदान करता है। पत्तों का प्रयोग सलाद और सैण्डविच में किया जाता है। इसकी कद्दूकस जडों को विनीगर ओर नमक के साथ मिलाकर क्षुधावर्धक मसाला बनाया जाता है ओर यह उबाले या सेंके गए गोमारुस के स्वाद बढाने में प्रयुक्त तेज मसाला है । होर्स रैडिश क्रीम, सॉस या रेलिश इसके अंत्य उपयोगी उत्पाद हैं । होर्स रैडिश उत्तेजक, स्वेदल, मूल और पाचक हैं। सामान्य थकावट, सन्धिशोध, गाउट, श्वास संबन्धी बीमारियों, मूत्र संबन्धी बीमारियों तथा बुखार में इसका प्रयोग किया जाता है।
भारतीय नाम
हिन्दी : सहिजन
विदेशी नाम
Arabic : Fajl haar Chinese : Laaht gan,La gen Dutch : Kreno French : Raifort,Cran German : Kren Greek : Armorakia Italian : Barbaforte Thai : Hosraedich