रोज़मेरी
रोज़मेरी
वानस्पतिक नाम
रोसमेरिनस ओफिनालिसपरिवार
लामिएसीवाणिज्यिक अंग
पत्ताविवरण
वाणिज्यिक महत्ववाली रोसमेरी सदाबहार झाडी रोसमेरीनस ओफीसिनालिस के सूखेपत्ते हैं। यह एक घना, सदाबहार, कडी, चिरस्थाई, ऐरोमैटिक, छोटे (2-4 से.मी.) नुकीले चिपचिपे, रोमिल पत्तोंवाली झाडी है। पत्तों का ऊपरी तल गहरे हरे रंगवाला है जबकि इसका निचला भाग सफेद रंगवाला है। पत्ते रालदार हैं। शाखाएँ दरारवाली छालवाली दृढ होती हैं और तना चौका, काष्ठीय एवं भूरा होता है। फीके नीले छोटे फूल ससीमाक्ष पुष्पक्रम में प्रकट होते हैं। इसे खेत की फसल या घर के अन्दर बढानेलायक पौधे के रूप में बढाया जा सकता है।
व्युत्पत्ति और प्रसारण
रोसमेरी मेडिट्टरेनियन प्रदेशवासी है और यूरोप एवं यू एस ए के कालिफोर्णिया में बढाया जाता है। यह अलजीरिया, चीन, मध्य पूर्व, मोरोक्को, रूस, रूमानिया, सेरबिया, टुनीशिया, तुर्की एवं भारत में सीमित क्षेत्रों में भी बढाया जाता है। शीतोष्ण जलवायु रोसमेरी की खेती केलिए अनुकूल है। मिट्टी की गुणविशेषताएँ रोसमेरी तेल के संयोजन को प्रभावित करती है।
उपयोग
खाद्य प्रसंस्करण में रोसमेरी की व्यापक उपयोगिताएँ हैं। इसकी ताज़ी कलिकाएँ शीत पेय, अचार, सूप आदि को सजाने एवं स्वाद और सुगंध प्रदान करने केलिए प्रयुक्त होती है। सूखे एवं पीसे पत्ते मसाला मिश्रण के रूप में काम में लाए जाते हैं। एक तेज शाक होने के कारण, पाककला में इसके उपयोग को व्यवस्थित करने की जरूरत है। इसके पत्तों, कलिकाओं तथा टहनियों के भाप आसवन से रोसमेरी तेल प्राप्त होता है, जो फीके पीत रेग और सविशेष गन्ध और प्रति ऑक्सीकारी गुणयुक्त होता है । औषधियों में रोसमेरी को वातहर, प्रति-शामक, ऐंठन शमक, प्रति-सूक्ष्मजीवाण्विक, प्रति दाहात्मक, कैंसर रोधी, जिगर-निर्विशकारक एवं गठियारोधी के रूप में श्रेय दिया जाता हैं।
भारतीय नाम
हिन्दी : रोजमेरी बंगाली : रोजमेरी संस्कृत : रुसमारी
विदेशी नाम
Arabic : ikleel alt-jabeel Chinese : Midie xiang Czech : Rozmaryna Dutch : Rosemarijin French : Romarin German : Rosmarin Japanese : Rozumari Spanish : Romero Thai : Rosmari