थाइम
थाइम
वानस्पतिक नाम
थाइमस वलारिसपरिवार
लमिऐसीवाणिज्यिक अंग
पत्ताविवरण
थाइम एक कठोर चिरस्थाई झाडी है, 20-40 से.मी. ऊँची , सूखे पत्ते कुंचित, भूरे हरे रंगवाले, 6-7 मि.मी. लंबे होते हैं, साबुत या पीसे रूप में बिके जाते हैं। इसके स्वाद एवं सुगंध ऐरोमैटिक, गरम एवं तीक्ष्ण हैं। रोमिल, ग्रंथिल बाह्यदलपुंज (कैलिक्स) सहित फूल हल्के बैंगनी नीले, दो लिपिड, 5 मि.मी. लंबे होते हैं। अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में उपलब्ध थाइम की मुख्य प्रजातियाँ फ्रेंच थाइम, स्पैनिश थाइम एवं अमरीकी थाइम हैं।
व्युत्पत्ति और प्रसारण
थाइम स्पेइन से लेकर इटली तक के दक्षिणी यूरोप देशज है। यूरोप के अलावा, आस्ट्रेलिया, उत्तर एशिया, उत्तर अफ्रीका, कनाडा एवं यू एस ए में भी यह बढाया जाता है। भारत में, यह पश्चिमी शीतोष्ण हिमालय एवं नीलगिरि में बढाया जाता है। थाइम केलिए फीकी जलवायु, अधित्यका (उच्चभूमि) मिट्टी वरीय है और पहाडों में बढिया बढता है।
उपयोग
थाइम टमाटर शोरबा, मत्स-मांस व्यंजन, लिवर एवं पोर्क सॉसेज, काँटेज एवं क्रीम पनीर (Headcheese) परिपक्वन काम में लाया जाता है। थाइम तेल श्वसनी-शोथ के उपचार में प्रयुक्त होता है। इसके ऐंठनरोधी एवं वातहर गुणविशेषताएँ होती हैं। इसकी प्रति-ऑक्सीकारक एवं प्रति सूक्ष्म-जीवाण्विक गुणविशेषताएँ हैं।
भारतीय नाम
हिन्दी - बनअजवाइन मलयालम - तोट्टत्तुलसी पंजाबी - मरिषा , मषो , रंगसबर उर्दु - हषा
विदेशी नाम
Chinese : Bai li xiang Czech : Thymian Dutch : Tijn French : Thyme German : Thymian Indonesian : Timi Italian : Timo Japanese : Taimu Spanish : Tomillo