दालचीनी
दालचीनी
वानस्पतिक नाम
सिनमोमं वीरमपरिवार
लोरिएसीवाणिज्यिक अंग
छाल, पत्रविवरण
'असली दालचीनी' या श्रीलंकाई दालचीनी 'सिनमोमं वीरम' की शुष्क आन्तरिक तना छाल है। दालचीनी के पौधे झाडीनुमा बढते हैं । पौधे जब दो साल के होते हैं, उनकी ऊँचाई सामान्यत: लगभग दो मीटर रहती है और नीचे का हिस्सा 8-12 से.मी. आकार का होता है। इसी अवस्था में ये कटाई के लिए तैयार रहते है ।
व्युत्पत्ति और प्रसारण
सिनमोमं वीरम की खेती मुख्यत: श्रीलंका, मलगासी रिपब्लिक और सेयशेल्स में की जाती है । इसकी व्युत्पत्ति श्रीलंका की मध्य पहाडियों में हुई थी । भारत में केरल के एक दो इलाकों में यह बढती है । दालचीनी एक दृढ पौधा है और श्रीलंका में अर्द्ध शुष्क से लेकर गीली जमीन तक की विभिन्न स्थितियों में यह बढाई जाती है । 20.30 डिग्री सेन्टी ग्रेड के बीच का तापमान और 1250-2500 मि.मी. की वर्षा दालचीनी बढाने के लिए उपयुक्त है । एम एस एल से 300-350 मीटर की ऊँचाई में यह जंगली वृक्ष के रूप में खूब बढता है ।
उपयोग
क्विल्स, क्विल्लिंग्स , फेथरिंग्स, चिप्स, दालचीनी छाल तेल और दालचीनी पत्र तेल दालचीनी के वाणिज्यिक उत्पाद है । 'क्विल्स' दालचीनी के पक्व प्ररोहों के आन्तरिक छाल से छीलकर निकालनेवाला छिलका है, जो एक के ऊपर एक करके जुडे रहते है, जिसमें जो पोल होता है, दालचीनी की छाल के छोटे छोटे टुकडों से भर दिया जाता है और पहले धूप मे और उसके बाद छाया में सुखाया जाता है । 'क्विलिंग्स' सभी ग्रेड के दालचीनी 'क्विलो' के टूटे टुकडे होते हैं । 'फेथरिंग्स' आन्तरिक छाल के पंखनुमा टुकडे होते हैं, जिसमें छाल की कतरनें और छोटे टुकडे रहते है । दालचीनी 'चिप्स' घने तनों से छीलकर लिए गए खुरदरे छाल है जिन्हें छीला नहीं जा सकता । दालचीनी पत्र और छाल तेल, इसके पत्र और छाल के अलग अलग आसवन से पाये जाते हैं । दालचीनी छाल आकर्षक सुगन्ध और गरम, लुभावना स्वादवाला लोकप्रिय मसाला है । छोटे टुकडे या चूर्ण के रूप में इसका इस्तेमाल किया जाता है। मिठाइयों, पेयों, औषधियों तथा प्रसाधन सामग्रियों को सुवासित करने में इसका प्रयोग बहुतायत किया जाता है । मधुमेह में चीनी के पाचन में इसे मददगार पाया गया है । यह कसैला, उत्तेजक और वातहर गुणों वाली है और मिचली और वमन रोक सकती है। दालचीनी छाल-तेल के कवक-रोधी गुण होते है और दालचीनी पत्र तेल का प्रयोग इत्रसाजी और प्रसाधन सामग्रियों में खूब किया जाता है।
भारतीय नाम
हिन्दी - दालचीनी, दाडचीनी बंगला - दालचीनी गुजराती - दालचीनी कन्नड - लवंगप्पट्टा मराठी - दालचीनी उडिया - दालचीनी पंजाबी - दालचीनी संस्कृत - दारुशिला तमिल - करुवाप्पट्टै , सन्नलवैगप्पट्टै उर्दू - दालचीनी
विदेशी नाम
Arabic : Querfa Indonesia :Kayu manis Persian : Darchin Sinhala : Kurundu Turkish : Tarcin