मर्जोरम
मर्जोरम
वानस्पतिक नाम
मर्जोराना होर्टोन्सिसपरिवार
लेमिएसीवाणिज्यिक अंग
पत्ता एवं कलिकाविवरण
मर्जोरम एक चिरस्थाई सगन्ध शाक है। इसके सूखे पत्ते और कलिकाएँ मसाले के रूप में प्रयुक्त होते हैं। मर्जोरम अपनी तेज़ मसालेदार मधुर सुगंध से पहचाना जाता है। स्वाद और गंध खुश्बूदार, हल्का तीक्ष्ण, कडुवा एवं कर्पूरनुमा हैं। पौधा 30-60 से.मी. ऊँचा और छोटे-छोटे पत्तोंवाले कई पत्तेदार तने होते हैं। पत्ते हल्के, धूसर-सा हरा करीब 21 मि.मी. लंबे और 11 मि.मी. चौडे होते है। फूल छोटे, सफेद या गुलाबी या लाल होते हैं।
व्युत्पत्ति और प्रसारण
मर्जोरम दक्षिणी यूरोप का देशज है। अब यह यूरोप, यू एस ए, चीन, रूस, मोरोक्को, उत्तर अफ्रीका एवं भारत में बढाया जाता है। मर्जोरम किसी भी अच्छी जल निकासवाली उर्वरा बागवानी दुमट्ट में बढता है और वार्षिक फसल के रूप में बढाया जाता है।
उपयोग
बघारने, सॉसेज और मसालेदार लंगोचे में प्रयुक्त होता है। चूँकि इस मसाले की बढिया सुगंध है, जो पकाई के दौरान आसानी से खो सकता है, इसे पकाई पूरी होने के पूर्व जोडना सबसे उत्तम है। इसके ऐरोमैटिक बीज मिष्टानों में प्रयुक्त किए जाते है। मीठा मर्जोरम वातहर, कफनाशक एवं टॉनिक माना जाता है। पत्ते और बीज कसैले होते है। होम्योपैथिक मदर टिंग्चर तैयार करने में इसका प्रयोग होता है। मर्जोरम तेल मोच, गुमटा, ऐंठ लकवा-लसीका एवं दाँत दर्द में बाहरी तौर पर प्रयुक्त होता है।
भारतीय नाम
हिन्दी - मरवा बंगला - मरु , डेकान , मुरुवा कन्नड - मरुगा , कुमाऊँ बनतुलसी मलयालम - मरुवा पंजाबी - मरवा संस्कृत - मरू , सिन्षी , मर्वो तमिल - मरुवु उर्दु - मरवा खुषा
विदेशी नाम
Czech : Majoranka Dutch : Marjolein French : Marjolain German : Marjoran Greek : Matzourana Italian : Maggiorana Japanese : Majoramu