वैनिला
वैनिला
वानस्पतिक नाम
वैनिला प्लेनिफोलियापरिवार
ऑर्किडेसीवाणिज्यिक अंग
-विवरण
आर्किड परिवार का एक सदस्य वैनिला की, दृढ गूदेदार तना, लघु पर्णांकृत लगभग 20 से.मी. लंबे आयताकार पत्तों वाली आरोही, एक बीज पत्री बेल है। इसका पुष्पगुच्छ बीस या उससे ज्यादा फूलों वाला असीमाक्ष है। छ: से.मी. लंबे, 2.5.से.मी. चौडे फूल पीतयुक्त हरित या सफेद होते हैं। सेम या पोड कहे जानेवाले इसके फल लगभग बेलनाकार और बीस से.मी. लंबे संपुट हैं।
क्षेत्र व उत्पादन
वर्ष 1999 के दौरान विश्व में वैनिला खेति का क्षेत्र 37,525 हे. और उत्पादन 4403 टन दर्ज किया गया है। मडगास्कर, इन्दोनेशिया, मेक्सिको, कोमोरोस और रीयूनियन प्रमुख वैनिला उत्पादक देश हैं। भारत में नौवीं दशक के आरंभ से ही केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में वैनिला बढाई जाती आ रही है।
वर्तमान तौर पर इसकी खेती का क्षेत्र लगभग 1000 हेक्टयर है, जिसमें से 30 प्रतिशत से उपज मिलना शुरू हुआ है। भारत में प्रसंस्कृत वैनिला का वर्तमान उत्पादन वार्षिक तौर पर लगभग छ:-आठ टन आकलित किया गया है।
विपणि
वैनिला की कुल वैश्विक माँग साल में लगभग 4500 मेट्रिक टन आकलित किया जाता है । यू एस ए, फ्राँन्स, यू के और जर्मनी जैसे देश विश्व आयात के 60 प्रतिशत पर काबू रखते हैं, जिसमें से यू एस ए 30 प्रतिशत और फ्राँन्स, यू के और जर्मनी लगभग 10 प्रतिशत अपनाते है। ये तीनों देश वैनिला सेमों तथा प्रसंस्कृत वैनिला उत्पादों के प्रमुख पुन:निर्यातक भी हैं।
गुणवत्ता उत्पाद
विश्व विपणि में चार प्रमूख प्रकार की वैनिला सेम मान्यता प्राप्त हैं :
बरबोन वैनिला (मडगास्कर, कोमोरोस और रीयूनियन में बढने वाला)
जावा वैनिला (जावा द्वीप और इन्दोनेशिया में बढने वाला)
बरबोन-नुमा वैनिला (बाली द्वीप और इन्दोनेशिया में बढनेवाला)
मेक्सिकन वैनिला (मुख्यत: मेक्सिको में बढनेवाला)
बढने की परिस्थितियों, कटाई और प्रसंस्करण कार्यों के परिणाम स्वरूप इनके स्वाद और सुगन्ध तथा इंद्रियग्राही गुणों में भिन्नता पाई जाती हैं। निम्नलिखित गुणों वाला बरबोन वैनिला गुणवत्ता की दृष्टि से प्रथम स्थान पर है:
रंग - घने भूरे से काला चमकीला लाल/भूरे से घना भूरा
गुणवत्ता - साबुत, खण्डित
गुण - तैलीय, चिकनी
लंबाई - 10 से.मी से 12 से. मी. तक - निम्न ग्रेड
13 से.मी. से 22 से.मी. तक - स्टैन्डर्ड
22 से. मी. से ज्यादा - उच्च ग्रेड
कटाई : क्रेता की माँग के अनुसार काटा जाता है।
वैनिला घटक : 1.8 प्रतिशत से 2.4 प्रतिशत तक
नमी घटक : 16 पतिशत से 28 प्रतिशत तक
भारत में वैनिला की खेती अधिकतर लघु एवं उपाँतिक कृषकों द्वारा अपने खेतों में अन्य फसलों के साथ अन्तराफसल के रूप में की जाती है। यह मुख्यत: जैविक परिस्थितियों में बढता है, यद्यपि इसका कोई प्रमाणन नहीं किया गया है।
व्युत्पत्ति और प्रसारण
यह मेक्सिको से लेकर ब्रज़ील तक के ऐटलैन्टिक तट का है। मडगास्कर, मेक्सिको, ताहिती, मलगासी रिपब्लिक, कोमोरो, रीयूनियन, इन्दोनेशिया, सेइशेल्स और भारत प्रमुख वैनिला उत्पादक देश है। समुद्र तल से 1000 मीटर एम एस एल तक, पर्याप्त सुवितरित वर्षा मिलनेवाली गरम, आर्द्र, उष्ण कटिबंधी आबोहवा में वैनिला खूब बढती है। भूमध्य रेखा के 15 डिग्री उत्तर और 20 डिग्री दक्षिण रेखांश में इसकी सहज वृध्दि पाई जाती है। उचित तापमान 21-32 डिग्री सेन्टीग्रेड और वर्षापात साल में 2000-2500 मि.मी. है। शाकीय वृद्धि रोकने और पुष्पण तेज बनाने केलिए करीब दो महीनों का सूखा मौसम अपेक्षित है। 6-7 पी.एस. वाली हल्की, संरंघ्री और भुरभुरी मिट्टी में यह अच्छी तरह बढता है। सफल खेती केलिए ऑंशिक छाया अनिवार्य है।
उपयोग
वैनिला का उपयोग मुख्यत: एक सुवासकारी सामग्री, औषधीय उत्पादों में एक क्रांतिक माध्यम तथा इत्रों में एक सूक्ष्म घटक के रूप में किया जाता है। आइस्क्रीम, दूध, पेय, कैन्डीस, मिठाइयाँ तथा तमाम बेकरी उत्पाद तैयार करने में, सुवासकारी एजेंट के रूप में इसका प्रयोग किया जाता है।
भारतीय नाम
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विदेशी नाम
Spanish : Vainilla French : Vanille German : Vanille Swedish : Vanilj Arabic : Wanilla Dutch : Vanille Italian : Vaniglia Portuguese : Baunilia Russian : Vanil Japanese : Banira Chinese : Hsiang - Tsao