सरसों

सरसों
वानस्पतिक नाम
ब्रेसिका जूनसिया (एल)परिवार
ब्रेसिकेसिईवाणिज्यिक अंग
बीजविवरण
सरसों एक वार्षिक शाक है जिसकी खेती तिलहन फसल या सब्जी या चारा के रूप में की जाती है, जिनमें से तीन प्रजातियाँ मसालों के रूप में अपना मोला रखती हैं। ये है- फीकी पीली या सफेद सरसों (ब्रसीका हिरता), भूरी सरसों (ब्रसीका जूनसिया) एवं काली सरसों (ब्रसीला निग्रा)। इस पौधे के पत्ते एकान्तर, लंबे, बहुत शाखाओंवाले.दोनों तरफ से रोमिल है। फूल छोटे, चार दलोंवाले पीले, क्रूसाकार के है। बीज 1.5-3 मि.मी. वाले हैं।
व्युत्पत्ति और प्रसारण
पीली या सफेद सरसों दक्षिणी यूरोप देशज है जबकि भूरी सरसों चीन से उत्तरी भारत में पेश की गई। काली सरसों दक्षिणी मेडिटरेनियन इलाकों की विशेष क्षेत्री फसल है। सफेद सरसों की व्यापक तौर पर खेती आस्ट्रेलिया, चीन, चिली, डेन्मार्क, इटली, जापान, यू.के., दि नेथरलैंण्ड, उत्तर अफ्रीका, कनाडा एवं यू.एस.ए. में की जाती है। सरसों केलिए दुमट्टी से चिकनी दुम्मटी मिट्टी उपयुक्त है। उत्तर भारत में रबी की फसल के रूप में यह बढाया जाता है। दक्षिण भारत में जुलाई-नवंबर के दौरान बरसाती मौसम में इसकी खेती की जाती है।
उपयोग
सरसों का पाउडर है जो सलाद के मसाले के निर्माण में प्रयुक्त होता है, शुष्क या निर्जलीकृत सरसों के पत्ते, साबुत सरसों बीज आदि इसके प्रमुख प्रसंस्करित उत्पाद है। साबुत सरसों भारतीय पाक प्रणाली में स्वाद एवं सुगंधदायक के रूप में प्रयुक्त होती है जबकि पीसी सरसों बंगला फिशकरियों को स्वाद व सुगंध तथा गाढापन केलिए प्रयुक्त होती है। सरसों के आटे में स्वाद, सुगंध तथा रंग प्रदान करने के अलावा परिरक्षक और प्रति ऑक्सीकारक गुणविशेषताएँ भी है।
भारतीय नाम
हिन्दी - राई, बनारसी राई, काली सरसों गुजराती - राई कन्नड - ससावे कश्मीरी - आसुर, सोरिसा मलयालम - कडुकु पंजाबी - राई, बनारसी राई, काली सरसों संस्कृत - असुरी , बिम्बाता तमिल - कडुगो तेलुगु - अवलु उर्दु - राई, बनारसी राई, काली सरसों
विदेशी नाम
Spanish : Mostaza French : Moutarde German : Senfsaat Swedish : Senap Arabic : Khardal Dutch : Mosterd Italian : Senape Portuguese : Mostarda Russian : Gorchitsa Japanese : Shiro Karashi Chinese : Chieh