सौंफ
सौंफ
वानस्पतिक नाम
पिम्पिनेल्ला एनिसुमपरिवार
एपिएसिईवाणिज्यिक अंग
फलविवरण
सौंफ औसतन 30 से 50 से.मी. ऊँचाई वाला एक वार्षिक पोधा है । यह पौधा घने रोमों से पूरी तरह ढके होते हैं । इसका रंग मटमैला-धूसरित से धुँधले भूरे लंबाई तीन से पांच मि.मी., छोटे गर्रियों सहित अण्डाकार रूप होता है । प्रत्येक फलावरण पर पाँच लंबी रेखाएँ दिखाई देती हैं । इन रेखाओं के नीचे फलभित्ति में ज्यादातर तैल-नालिकाएँ दिखाई पडती हैं । इसका अपना एक अलग सुखद सुवास और निराला स्वाद होता है ।
व्युत्पत्ति और प्रसारण
इसका जन्मस्थान पूर्वी मेडिट्टरेनियन क्षेत्र है । बल्गेरिया, साइप्रेस, फ्रान्स, जर्मनी, इटली, मेक्सिको, दक्षिण अफ्रीका, सिरिया, तुरकी, स्पेन, यू.के. व रूस में इसकी अधिक से अधिक खेती होती है । भारत में इसको कुछ जगहों पर खाद्य शाक के रूप में और बाग पौधे के रूप में उगाया जाता है । इसके मुख्य उत्पाद सौंफ तेल व सौंफ तैलीराल है।
उपयोग
इसका मुख्य उपयोग, सुगन्धदायक, खाद्य, घरेलू वस्तु, कांतिवर्ध्दक और दवाइयों के रूप में होता है । सौंफ का फल, वाणिज्यिक रूप से सौंफ ही कहा जाता है, का प्रयोग ज्यादातर करी, ब्रेड, सूप, बेकड सामान, सूखे अंजीरों खाद्यों, क्रीम, चीज, अचार, अंडे से बने पकवान मादक व गैर मादक पेयों में सुगन्ध लाने केलिए अत्यावश्यक है । इस तैल का एनेथॉल के उतपादन में और कभी-कभी फोटोग्रफी में रंगो के विरंजिन केलिए जेनसिआइजेर के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसके अन्य व्यावहारिक गुण प्रतिजीवाणु, प्रति-कवकीय, प्रतिघ्-ऑक्सीकारक, उत्तेजक, वातहर और कफोत्सारक हैं ।
भारतीय नाम
हिन्दी - विलायती सौंपफ या आवौंफ बंगला -मुहुरी, मीठा जीरा गुजराती - अनीसि, सौवा कन्नड - सोम्पु मलयालम - षोम्ब मराठी - सोम्प , बडी सौंप उडिया - सोप पंजावी - वलायती सौन्पफ संस्कऋत - शतपुष्प तमिल - षोम्बु तेलुगु - कुप्पी सोप्टु
विदेशी नाम
-